आरजेडी सांसद अहमद अशफाक करीम कटिहार:आय से अधिक संपत्ति मामले में कटिहार के अल करीम विश्वविद्यालय और अपने आवास पर आईटी की रेड से राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीममोदी सरकार पर खासे भड़के हुए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर हुई इस छापेमारी से वह डरने वाले नहीं हैं. आरजेडी सांसद ने कहा कि उन्होंने अच्छे मकसद से इस संस्थान को खोला है लेकिन छापे के बहाने लगातार उनको परेशान किया जाता है.
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"यहां बहुत से संस्थान हैं उसके साथ कभी कुछ नहीं किया जाता लेकिन क्या अपोजिशन में रहना, क्या मुसलमान होना जुर्म है? ये बड़ी खराब बात है देश के लिए. सिर्फ अशफाक करीम ने इस संस्थान को नहीं बनाया है, इसमें बनाने वाले बहुत सारे हिंदू भाई हैं. ऐसी संस्था देश को आगे बढ़ाती है लेकिन हमें बार-बार तंग किया जा रहा है"- अहमद अशफाक करीम, सांसद, आरजेडी
क्या मुसलमान होना जुर्म है?:अहमद अशफाक करीम ने कहा कि सीमांचल इलाके में इलाज के लिए बेहतर सुविधा देने के बाद भी इस तरह से आयकर विभाग का छापा पड़ना राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि यहां बहुत सी संस्था हैं लेकिन क्या अपोजिशन में रहना और मुसलमान होना जुर्म है? आखिर क्यों बार-बार उनके ही खिलाफ कार्रवाई की जाती है.
'संस्थान में बहुत से हिंदू भाई':आरजेडी सांसद ने कहा कि यदि एक संस्था मुसलमान ने खोला है तो क्या उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. मैं बताना चाहता हूं कि मैं भले ही मुसलमान हूं लेकिन इस संस्था को हिंदू भाइयों के सहयोग ही संचालित कर पा रहा हूं. इस संस्थान में बहुत सारे हिंदू भाई काम करते हैं. कई लोगों को रोजगार मिला हुआ है. शिक्षा संस्थान तो देश की तरक्की में मददगार साबित होते हैं.
क्या है मामला?:दरअसल, बीते 11 अक्टूबर को आय से अधिक संपत्ति मामले में आयकर विभाग की टीम ने सीमांचल में दो बड़ी कार्रवाई की थी. जिसके तहत पूर्णिया स्थित मिल्लिया इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ असद इमाम और कटिहार के अल करीम विश्वविद्यालय और सांसद अहमद अशफाक करीम के आवास पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा था. अहमद अशफाक करीम राज्यसभा के सांसद और आरजेडी के कोषाध्यक्ष हैं.