कटिहारःसिपाही भर्ती नियमावली में राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. भर्ती और चयन के लिए बिहार पुलिस हस्तक 1978 के नियम 633, 672 और 673 में बदलाव किया गया है. इसके तहत राज्य में बिहार पुलिस (सिपाही) की नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों और नाती-नतिनियों के लिए 2 प्रतिशत सीट आरक्षित रखे जाएंगे.
परिजनों के लिए तय कोटे पर बोले स्वतंत्रता सेनानी- बेहतर होता सरकार 1-2% और बढ़ाती
हर साल अप्रैल में सिपाही के खाली पदों की डीजीपी आरक्षणवार गणना कराएंगे. लिखित परीक्षा 100 और शारीरिक दक्षता परीक्षा 100 अंकों की होगी. अधिकतम उम्र सीमा में सभी आरक्षण कोटियों में होमगार्ड को 5 वर्ष की छूट दी जाएगी. गोला फेंक और ऊंची कूद में उम्मीदवार को तीन-तीन मौके दिए जाएंगे.
'इसमें सरकार कुछ नहीं दे रही'
हालांकि सरकार के इस फैसले से स्वतंत्रता सेनानी बहुत खुश नहीं हैं. कटिहार के स्वतंत्रता सेनानी सत्यनारायण सौरभ बताते हैं कि 2 प्रतिशत कोटे की पहल उच्च न्यायालय ने की थी. उसी को सरकार अभी अब लागू कर रही है. राज्य सरकार ने अपनी तरफ से कुछ नहीं जोड़ा है. बेहतर होता यदि सरकार कोटे में 1 या 2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करती, या ये प्रावधान स्वतंत्रता सेनानियों के पोते की पत्नी, पोती के पति, नाती की पत्नी और नतिन के पति पर भी लागू होते.
खिलाड़ियों के लिए भी कोटा
सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी 1 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है. बता दें कि हर साल अप्रैल में सिपाही के खाली पदों की डीजीपी आरक्षणवार गणना कराएंगे. लिखित परीक्षा 100 और शारीरिक दक्षता परीक्षा 100 अंकों की होगी. अधिकतम उम्र सीमा में सभी आरक्षण कोटियों में होमगार्ड को 5 वर्ष की छूट दी जाएगी. गोला फेंक और ऊंची कूद में उम्मीदवार को तीन-तीन मौके दिए जाएंगे.