कटिहार (मनिहारी): जिले के गंगा तट पर 150 से अधिक दुकानदारों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. रेलवे ने मनिहारी में गंगा तट की जमीन को अपना बताकर दुकानदारों को खाली करने को कहा है. रेलवे के इस फरमान से दुकानदारों के सामने जीविकोपार्जन की समस्या उठ खड़ी हुई है.
दुकानदारों का कहना है कि यदि जमीन रेलवे की है तो रेल प्रबंधन ने अब तक इसका सीमांकन क्यों नहीं कराया था. दुकान ही उनके जीविकोपार्जन का एकमात्र सहारा है. लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उसकी झोपड़ी को नहीं उजाड़ा जाए.
गंगा तट पर वर्षों से लग रही है दुकानें 45 सालों से है दुकान
दुकानदार दिलीप कुमार बताया कि वह 45 सालों से गंगातट पर दुकान चलाकर जीविकोपार्जन कर रहा है. रेलवे ने कभी जमीन पर अपनी दावेदारी नहीं की थी, लेकिन अब इस दावेदारी से समस्या उत्पन्न हो गई है.
वैकल्पिक इंतजाम करे सरकार
दुकानदार मनोज ठाकुर का कहना है कि एक ओर कोरोना काल की वजह से दाना-पानी पर संकट है. वहीं दूसरी ओर रेलवे ने एक नई परेशानी दे दी है. उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा है कि परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा. सरकार को वैकल्पिक इंतजाम करना चाहिए.