कटिहार: जिले में रेलवे के रैक पॉइन्ट के मजदूरों का आंदोलन तेज हो गया है. रेलवे के नये नियम के अनुसार 'राउंड द क्लॉक' से मजदूरों की परेशानी बढ़ गयी है और पीड़ित मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज बुलन्द करनी शुरू कर दी है. गौशाला स्थित रैक पॉइन्ट पर आवाज को आंदोलन का शक्ल देने के लिये सैकड़ों मजदूरों ने एकत्र होकर नारेबाजी की और अपनी मांगें नहीं माने जाने पर कटिहार होकर गुजरने वाली गुड्स ट्रेनों के परिचालन ठप करने की बात कही है.
मुख्यालय भेजी जायेगी जांच रिपोर्ट
दूसरी ओर रेलवे ने कहा कि नये कायदों की जांच चल रही है, कि यह फिजिबल है या नहीं हैं. इसकी जांच रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जायेगी. बताया जाता है कि मजदूर मालगाड़ियों के जरिये आने वाले सामानों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम करते हैं, जिससे इनके परिवारों का गुजर-बसर होता है. माल अनलोडिंग के बाद गंतव्य तक पहुंचाने के लिये सैकड़ों ट्रक मालिकों को इससे रोजगार भी मिल जाता है और यह सिलसिला कई सालों से चलता आ रहा है, लेकिन रेलवे के नये कायदे राउंड द क्लॉक के अनुसार इन मजदूरों को 24 घंटे काम करना पड़ेगा.
मजदूरों को दिन-रात काम करनी पड़ेगी
इसका मतलब यह है कि दिन हो या रात, जब भी मालगाड़ी की रैक लगेगी, तब काम करना पड़ेगा और कार्यों की तैयारी के लिये सभी मजदूरों को रैक प्वाइंट पर ही रहना होगा और ऐसा नहीं होने पर संबंधित पार्टी या कंपनी जिम्मेदार होगी. मजदूर नेता समरेंद्र कुणाल बताते हैं कि नया नियम मजदूर विरोधी है जिससे मजदूरों का शोषण मात्र है.
क्या कहते हैं अधिकारी
दूसरी ओर कटिहार रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी बताते हैं कि कटिहार के अलावा कटिहार रेल डिविजन में तीन अन्य स्टेशनों पर राउंड द क्लॉक नियम की शुरुवात की गयी है. पहले छह से दस बजे रात तक रैक पॉइंट पर वर्किंग होती थी, लेकिन नये नियम के अनुसार अब चौबीस घंटे कर दी गयी है. जिससे व्यापारियों को आपत्ति है. कुछ रिप्रजेंटेशन आई भी है, इसकी जांच की जा रही है.
सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है
गौरतलब है कि कटिहार स्थित रेलवे का यह रैक पॉइंट सीमांचल का सबसे बड़ा रैक पॉइंट है, जहां दिनभर में हजारों क्विंटल अनाज सहित दूसरे सामान उतरते हैं और माल उतारने में यह मजदूर काफी मददगार होते हैं. पहले दिनभर की मजदूरी के बाद यह मजदूर परिवार के साथ रात गुजारने घर चले जाते थे, लेकिन अब नये नियम में ऐसा करना मुश्किल होगा और जब भी रैक लगेगी, इन्हें युद्ध स्तर पर रैक खाली करना पड़ेगा, जो एक कठिन काम हैं.