कटिहार:देशभर में बहाल स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छताग्राहियों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. सरकार ने अपनी घोषणा के तहत पंचायत स्तर पर बहाल स्वच्छताग्राहियों को ना तो मानदेय दे रही है और ना ही उनके लिए कोई मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं.
कटिहार में स्वच्छताग्राहियों का विरोध-प्रदर्शन 2 अक्टूबर को किया जाना है ओडीएफ घोषित
बिहार को 2 अक्टूबर को ओडीएफ घोषित किया जाना है. शौचालय निर्माण करने वाले व शौचालय विहीन परिवारों को स्वच्छता विभाग की ओर से 31 अगस्त तक का समय दिया गया है. लेकिन सूबे में यह योजना अघर में लटक सकती है. इसको लेकर जिले के स्वच्छताग्राही ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है.
विरोध कर रहे स्वच्छताग्राही सरकारी लापरवाही से परेशान हैं स्वच्छताग्राही
दरअसल, जिले के स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि हमलोग गांव-कस्बे घुमकर लोगों में खुले में शौच की आदत हटा शौचालय जाने की अपील करते हैं. जिस घर में शौचालय नहीं है, उसका रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों को देते है. लेकिन इतना करने के बाबजुद सरकारी लापरवाही के कारण हमें दो सालों से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जिस वजह से हमलोगों के सामने भुखमरी की सम्स्या उत्पन्न हो गई है.
बीडीओ साहब चल रहे हैं नाराज- स्वच्छताग्राही
इस मामले पर स्वच्छताग्राही प्रीतम कुमार सिंह का कहना है कि हमने बीडीओ से मानदेय जारी करने और इसे बढ़ाने का आग्रह किया. जिस वजह से बीडीओ नाराज हो गए हैं. बिहार राज्य और जिला प्रशासन के मनमानी रवैये के कारण बिहार में नियमित भुगतान नहीं की जा रही है इतना ही नहीं उनसे 18 घंटे काम लेने के बावजूद कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही. सुबह 4 बजे से लेकर शाम के 9 बजे तक काम लिया जाता है ,जबकि उन का निर्धारित मानदेय ₹200 भी नहीं दिया जा रहा है.
ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार कम मानदेय पर काम करना मुश्किल
स्वच्छताग्राहीयों का कहना है कि अनाज के महंगे हो गये हैं. कम मानदेय पर काम करना मुश्किल हो रहा है और उसपर भी सालों से मानदेय का नहीं मिलना किसी को तिल-तिल कर जिन्दा मारने की तरह है. इसलिए सरकार जल्द से जल्द उनकी समस्याओं का निपटारा करे.