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कटिहारः करोड़ों की लागत से शुरू हुआ कटाव निरोधक कार्य, सालों से परेशान थे लोग - Ganga River at Manihari subdivision

जिले की महानंदा, गंगा और कोसी नदी में तेजी से हो रहे कटाव को रोकने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई. फिर भी सालों से इसका समाधान नहीं निकाला. लेकिन अब गंगा नदी में कटाव निरोधी कार्य शुरू हो गए हैं. जिससे लोगों में खुशी की लहर है.

कटाव निरोधक कार्य शुरू
कटाव निरोधक कार्य शुरू

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Published : Jun 8, 2020, 12:44 PM IST

कटिहारःसालों से कटाव का दंश झेल रहे कटिहार जिले में 93 करोड़ रुपये की लागत से कटाव निरोधी कार्य शुरू हो गया है. ये काम मनिहारी अनुमंडल स्थित गंगा नदी के किनारे 5 किलोमीटर तक होना है. लेकिन लॉकडाउन के कारण काम धीमी गति से हो रहा है. जिससे आसपास के लोग काफी चिंतित हैं.

5 किलोमीटर तक कटाव निरोधी कार्य शुरू
कटिहार जिले की सबसे बड़ी समस्या है बाढ़ और कटाव. हर साल बाढ़ और कटाव के कारण लाखों परिवार बेघर हो जाते हैं. उसके बाद ये लोग सड़क के किनारे या फिर रेलवे लाइन के किनारे रहने को मजबूर होते हैं. सालों से इस समस्या का दंश झेल रहे कटिहारवासियों को अब राहत मिली है. यहां 93 करोड़ रुपये की लागत से बाघमारा गांव से केवाला तक गंगा नदी में 5 किलोमीटर की लंबाई में कटाव निरोधक कार्य शुरू हो गए हैं.

काम में लगे मजदूर

80% से ऊपर काम है बाकि
मनिहारी अनुमंडल के गंगा नदी के किनारे कटाव निरोधी कार्य शुरू होने से जहां ग्रामीणों में खुशी की लहर है. वहीं कुछ लोग काम धीमी गति से होने के कारण चिंतित दिख रहे हैं. पिछले 2 महीने से जारी कटाव निरोधी कार्य का सिर्फ कुछ हिस्सों में काम पूरा हुआ है. अभी भी 80% से ऊपर काम बचा हुआ है. ऐसे में मॉनसून के आ जाने के बाद जिले में बाढ़ की आहट हो जाती है. बाढ़ के दौरान कटाव निरोधी कार्य नहीं किया जा सकता है. जिस कारण स्थानीय लोग काफी चिंतित भी दिखाई दे रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कई एकड़ जमीन हुई गंगा में समाहित
बता दें कि हर साल कटाव के कारण किसानों की कई एकड़ जमीन गंगा में समाहित हो जाती है. कई परिवार बेघर हो जाते हैं. जानकारी के अनुसार मनिहारी अनुमंडल में दर्जनों गांव गंगा में अब तक समाहित हो चुके हैं. इन गांवों के लोग जहां-तहां सरकारी जमीन में बंबू डालकर गुजर-बसर कर रहे हैं. गंगा नदी में कटाव इतनी तेजी से हो रहा है कि मनिहारी रेलवे स्टेशन पर भी खतरा मंडराने लगा था. स्टेशन से गंगा की दूरी महज 50 मीटर तक रह गई है.

गंगा का तट

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'धीमी गति से हो रहा काम'
मनिहारी अनुमंडल के गांधी टोला के लोग बताते हैं कि कटाव निरोधी कार्य से किसानों के जमीन गंगा में कटने से बच जाएगी. लेकिन लाॅक डाउन के कारण धीमी गति से कार्य होने से काफी नुकसान भी सहना पड़ सकता है. जून-जुलाई के महीने में जिले में बाढ़ अपना विकराल रूप ले लेता है. इस दौरान गंगा में कटाव निरोधी कार्य करना असंभव हो जाएगा. लोगों की मानें तो गंगा नदी में अब तक किसानों की हजारों एकड़ जमीन विलीन हो गई है. कई गांव भी पूरी तरह कट गया है, जिस कारण लाखों परिवार इधर-उधर रहने को विवश हैं.

कंवल तनुज, डीएम

डीएम ने दिया काम में तेजी लाने का निर्देश
वहीं, इस पूरे मामले में कटिहार डीएम कंवल तनुज ने जानकारी देते हुए बताया कि लॉक डाउन के कारण काम धीमी गति से चल रहा था. लेकिन अब उसमें तेजी आ गई है. मनिहारी में चल रहे कटाव निरोधी कार्य का क्रिटिकल पैच का रिव्यू किया गया है. उसमें 400 मीटर का पैच मोस्ट क्रिटिकल है. 1 किलोमीटर की टाइम लाइन डिसाइड कर ली गई है और सभी अधिकारियों को तटबंध की सुरक्षा और काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.

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