कटिहार: सीएम नीतीश कुमार की नल-जल योजना जिले में विफल साबित हुई है. सरकार की हर घर जल पहुंचाने का दावा पूरा होता नहीं दिख रहा है. यहां पानी के लिए लोग तरस रहे हैं. सरकार ने नल तो लगा दिया है. लेकिन, उसमें जल डालना भूल गई.
इतने की लागत से रखी आधारशीला
जिले के कोढ़ा प्रखंड स्थित गोविंदपुर गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पिछले 2 साल पहले सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 15 लाख की लागत से गांव में इस योजना के तहत नल लगाया गया था. लेकिन, इसके बाद न तो सीएम ने पीछे मुड़ के देखा और न ही नल से जल आया. लोगों को पानी के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा है.
बूंद-बूंद के तरस रहे लोग
ग्रामीण बताते हैं कि सरकार ने नल-जल योजना के तहत पानी की टंकी और कुछ जगहों पर नल लगवाई थी. लेकिन, ये महज एक शोभा बनकर रह गई है. यहां किसी भी नल से पानी नहीं आता है. बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. वहीं, दूसरे ग्रामीण ने बताया कि जिस वक्त ये नल लगाया गाया था. उस वक्त कुछ दिन पानी आया था. लेकिन, बाद में फिर पानी आना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि जब कोई मंत्री गांव आता है तभी पानी आता है. पिछले कई महीनों से पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं हुई है. लिहाजा घर में लगे चापाकल से ही काम चलाना पड़ता है.
मवेशी बांध रहे ग्रामीण
नल-जल योजना के तहत सरकार ने आधारशीला तो रख दी. लेकिन, इसे सुचारु रुप से चालू करना भूल गई है. जिस कारण ग्रामीणों ने यहां मवेशी बांधना शुरू कर दिया है. ग्रमीणों के मुताबिक पानी आता ही नहीं है. सरकार का बनाया ये भवन भी कोई काम का नहीं रहा. इसीलिए मवेशी बांध देते हैं.