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कटिहार: काढ़ागोला स्टेशन का नाम काढ़ागोला साहिब करने को लेकर लोकसभा में उठा मुद्दा

काढ़ागोला रोड स्टेशन का नाम बदलकर काढ़ागोला साहिब कराने को लेकर लोकसभा के पटल पर स्थानीय सांसद ने आवाज उठाई है. इस ऐतिहासिक जगह को पर्यटन स्थल बनाने की भी मांग जोरों पर है.

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Published : Aug 9, 2019, 3:29 PM IST

काढ़ागोला स्टेशन

कटिहार:स्टेशनों के नाम बदलने का सिलसिला मुगलसराय से शुरू होकर अब कटिहार के ऐतिहासिक काढ़ागोला रोड तक पहुंच गया है. काढ़ागोला रोड स्टेशन का नाम बदलकर काढ़ागोला साहिब कराने को लेकर लोकसभा के पटल पर भी स्थानीय सांसद ने आवाज उठाई है.

कटिहार के इस धार्मिक और ऐतिहासिक जगह को पर्यटन स्थल बनाने की भी मांग जोरों पर है. स्थानीय सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने काढ़ागोला रोड स्टेशन का नाम बदलकर काढ़ागोला साहिब कराने के लिए लोकसभा के पटल पर भी आवाज उठाई है. स्थानीय लोग भी यही चाहते है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस स्टेशन का नाम बदल दे. बता दें कि इससे पहले स्थानीय विधायक नीरज यादव ने भी विधानसभा में यह मांग उठाई थी.

पेश है रिपोर्ट

प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री का लगता है तांता
कटिहार सिख सर्किट से जुड़े होने के कारण यहां प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री गुरु तेग बहादुर के हुकुमनामा का दर्शन करने पहुंचते हैं. बरारी प्रखंड के दर्जनों गांव में सिख समुदाय के लोग रहते हैं. सिख के नवें गुरु तेग बहादुर के नाम पर एक गुरुद्वारा भी बनाया गया है जहां उनका हुकुमनामा रखा हुआ है. आज भी इस जगह पर पंजाब, हरियाणा, लाहौर, अमृतसर और दूसरी जगहों से सिख समुदाय के लोग गुरु तेग बहादुर के हुकुमनामा के दर्शन करने पहुंचते हैं.

काढ़ागोला गुरुद्वारा

गुरु तेग बहादुर के आगमन पर पड़ा था शहर का नाम
कटिहार का काढ़ागोला एक धार्मिक जगह है. जानकारी के अनुसार सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जब पटना से आसाम के दौरे पर थे तब कटिहार के बरारी प्रखंड स्थित काढ़ागोला में उनका गंगा किनारे पड़ाव लगा था. पड़ाव लगने के दौरान हजारों श्रद्धालु उनके अनुयायी बन गए. अनुयायियों को कडाह में बना प्रसाद गोले के रूप में दिया जाता था. बाद में इसी के नाम पर इस जगह का नाम कडाहगोला रखा गया. अब इसका नाम काढ़ागोला है. गंगा घाट का नाम काढ़ागोला घाट तथा रेलवे स्टेशन का नाम काढ़ागोला रोड रखा गया है.

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