कटिहारः अब तक तो आपने बच्चों को एंड्राइड मोबाइल चलाते देखा होगा. लेकिन आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे पक्षी के बारे में जिसे फोन और यू-ट्यूब से उतना ही प्रेम है जितना हमें और आपको. बिहार के कटिहार में एक ऐसा तोता है जिसे सोशल मीडिया की वैल्यू खूब पता है. ये तोता मोबाइल चलाता है और यू-ट्यूब पर अपना पसंदीदा कार्यक्रम भी देखता है.
अब तक आपने तोते को गाने गाते, मंत्र पढ़ते, नमस्ते करते और डांस के अलावा कई काम करते देखा होगा, लेकिन ये तोता कमाल का है. ये मिट्ठू यू- ट्यूब पर अपनी पसंद की तमाम चिजें सर्च कर लेते हैं. यू-ट्यूब पर अपनी ही तरह के दूसरे तोते को देखकर ये फूले नहीं समाता. मोबाइल पर चोंच मारकर ये यू-ट्यूब के प्रोग्राम निकाल लेता है और खूब इंजॉय करता है.
पिंजड़ा में नहीं रहता ये तोता
दरअसल, ये तोता कटिहार के नया टोला मोहल्ला के रहने वाले राजेश वर्मा के घर की जान है. घर के लोग इसे प्यार से डुग्गू बुलाते हैं. बड़ी बात ये है कि घर में शुरू से लेकर अब तक डुग्गू के लिए कोई अलग पिंजड़ा नहीं है. ये घर में खुले ही रहता है. शुरू से ही घर के छोटे बच्चों के साथ रहते-रहते उसे मोबाइल की ऐसी लत लग गई कि अब वो खुद से अपनी पसंद के मुताबिक तोते से जुड़ा हुए कार्यक्रम निकाल कर देख लेता है.
सत्तू का भी दीवाना हैडुग्गू तोता
परिवार के सभी लोग इसे घर के सदस्य की तरह ही मानते हैं. राजेश वर्मा की बेटी सृष्टि इसकी ट्रेनर हैं, जो हर समय इसे कुछ ना कुछ सिखाती रहती हैं. सृष्टि ने बताया कि उनके पापा इसे डेढ़ साल पहले किसी मित्र के घर से लाए थे. इस तोते की खास बात यह है कि बिहारी सत्तू का दीवाना है. इसके अलावा वो और कुछ भी नहीं खाता है.
कंधे पर बैठकर घूमने जाता है बाहर
इस तोते के ठाठ भी कम नहीं हैं. ये रात में भी घर के लोगों के साथ बेड पर ही सोता है. अगर घर के सभी लोगों को कभी कहीं बाहर जाना होता है तो मिट्ठू भी कंधे पर सवार होकर उनका हमसफर बन जाता है. सृष्टि कहती है कि जब भी कभी वो पापा के साथ बाहर जाती हैं, डुग्गू भी पापा या उनके कंधे पर सवार होकर बाजार घूमने निकल पड़ता है. सृष्टि कहती हैं ये हमारा भाई और दोस्त भी है. ये हमसे बातें करता है और साथ में खेलता भी है. ये हमें खुश रखता है.
तोतों का मास्टर है डुग्गू तोता
दरअसल तोते के रंग-बिरंगे पंख का संबंध पृथ्वी, अग्नि, जल, लकड़ी और धातु से होता है. हिंदू धर्म में तोते को समृद्धि का प्रतीक माना गया है. साथ ही ये शुभ-अशुभ के संकेत भी देता है. विद्वानों के अनुसार पशु-पक्षियों में छठी इंद्रीय काफी सक्रिय होती हैं. इसी कारण उन्हें किसी भी घटना का आभास पहले ही हो जाता है. तोता भी ऐसा ही जीव है जो अप्रिय घटना को पहले से भांप लेता है और लोगों को इसके प्रति सचेत करता है. लेकिन 21 वीं सदी का ये डुग्गू तोता तो सभी तोतों का मास्टर निकला.