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मनरेगा सोशल पार्क के अंतर्गत तालाब की हालत बदहाल, पार्क के सौंदर्यीकरण की मांग

मनरेगा के पंचायत तकनीकी सहायक मनोज कुमार मोदी ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर पार्क और उसके अंदर बने तालाब की साफ-सफाई कर दी जाएगी.

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Published : Dec 1, 2019, 2:40 PM IST

miserable condition of manrega social park in katihar
मनरेगा सोशल पार्क

कटिहार: मुख्यमंत्री की ओर से उद्घाटन किया गया जिले के कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत कोलासी का मनरेगा सोशल पार्क का तालाब बदहाली के आंसू रो रहा है. तालाब कीचड़ से लबालब है और उसके आस-पास घास-फूस भरे हुए हैं. इसके अलावा पार्क में साफ-सफाई पूरी तरह से नदारद है. जिसके कारण पार्क में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आ गई है.

2013 में पार्क का उद्घाटन
कोलासी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय परिसर में बिहार सरकार के की ओर से 10 एकड़ जमीन में मनरेगा सोशल पार्क बनवाया गया था. 23 लाख रुपए की लागत से बने इस पार्क का उद्घाटन 13 जून 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. पार्क को बनाने का मुख्य उद्देश्य इलाके में मनरेगा योजना को धरातल पर लाना था. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पार्क की स्थिति बदहाल हो गई.

मनरेगा सोशल पार्क के अंतर्गत तालाब

पार्क की हालत होती गई दयनीय
जब यह पार्क बनवाया गया था, उस दौरान मुख्यमंत्री पार्क के अंदर तालाब को देखकर अभिभूत हुए थे. साथ ही पार्क की प्रशंसा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को तालाब में जल स्तर बनाए रखने, तालाबों की साफ-सफाई और सोलर पंप लगाने का निर्देश दिया था. लेकिन उद्घाटन के 3 साल के बाद पार्क की हालत दयनीय होती गई.

मनरेगा सोशल पार्क रो रहा अपनी बदहाली के आंसू

अधिकारी और मंत्री करते थे प्रशंसा
बताया जाता है जब कभी मनरेगा के अधिकारी या जिले के विधायक कटिहार पहुंचते थे तो उन्हें सोशल पार्क घुमाने ले जाया जाता था. जिसकी वे लोग खूब प्रशंसा करते थे. शुरू के कुछ सालों में यह पार्क पर्यटक स्थल के रूप में विख्यात होने लगा. लेकिन धीरे-धीरे पार्क के न के बराबर साफ-सफाई और मेंटेनेंस के कारण लोगों ने यहां घूमना बंद कर दिया.

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तालाब के जीर्णोद्धार की मांग
स्थानीय लोग पार्क के सौंदर्यीकरण और उसके अंदर के तालाब के जीर्णोद्धार की मांग कर रहे हैं. मनरेगा के पंचायत तकनीकी सहायक मनोज कुमार मोदी ने कहा कि पार्क को मेंटेन किया जा रहा था. एक वन पोषक इसकी देखरेख करते थे. चूंकि मनरेगा नियम के तहत किसी भी वन पोषक को 5 साल से अधिक नहीं रखा जा सकता है. लिहाजा, यह पद खाली हो गया है. जिसके कारण देखरेख में कमी आई है. ऐसे में एक सप्ताह के अंदर पार्क और उसके अंदर बने तालाब की साफ-सफाई कर दी जाएगी.

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