बिहार

bihar

ETV Bharat / state

कटिहारः कोरोना संकट से उबरे भी नहीं, जिले से शुरू हो गया मजदूरों पलायन - migration of labours continues in katihar

दूसरे प्रदेशों से प्रवासी मजदूर जब अपने घर वापस लौटे थे तो उस दौरान जिला प्रशासन ने दावा किया था कि मजदूरों के उनके स्किल के आधार पर रोजगार दिया जाएगा. लेकिन मजदूरों का दोबारा बाहर जाना ये बता रहा है कि प्रशासन सिर्फ लोगों को गुमराह कर रही थी.

katihar
katihar

By

Published : Jul 9, 2020, 2:20 PM IST

कटिहारःजिले से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है. परिवार और बच्चों की परवरिश की खातिर दूसरे प्रदेशों में जाने को लोग मजबूर हैं. हजारों की संख्या में मजदूर बाहर जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं.

लॉकडाउन में आए थे वापस
कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. जिसके बाद कई प्रदेशों में फैक्ट्रियां बंद हो गईं और काम धंधे चौपट हो गए. रोजगार के लिए बाहर गए लाखों प्रवासी मजदूर अपने राज्य वापस लौट आए थे. तब इन प्रवासी मजदूरों को सरकार ने यहीं पर रोजगार देने की बात कही थी. लेकिन सरकार की यह बात लोगों के लिए सिर्फ जुमला साबित हुई.

बाहर जाते लोग

नहीं मिल सका राज्य में रोजगार
कटिहार जिले से रोजाना हजारों की संख्या में लोग रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में पलायन करने लगे हैं. अभी तो लोग कोरोना के संकट से उबरे भी नहीं हैं. लेकिन बाहर जाने की मजबूरी है. राज्य सरकार ने दावा किया था कि श्रमिक मजदूरों को उनके स्किल के आधार पर राज्य में ही रोजगार दिया जाएगा. इन मजदूरों में कुछ ऐसे मजदूर भी हैं, जो स्किलफुल हैं. लेकिन उन्हें जिले में रोजगार नहीं मिल सका.

ये भी पढ़ेंःबढ़ते कोरोना को लेकर पटना में 7 दिनों का लॉक डाउन, नहीं प्रभावित होगी हवाई सेवा

'हुनर होने के बावजूद नहीं मिला काम'
सीमांचल का इलाका अति पिछड़ा इलाका माना जाता है. इस इलाके में रोजगार सृजन के लिए सरकार के जरिए आज तक कोई पहल नहीं की गई है. यही वजह है कि इस इलाके से लाखों की संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में पलायन करते हैं. कटिहार रेलवे स्टेशन पर मौजूद मजदूर बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेश से वापस लौटे थे. लेकिन अभी तक जिला में रोजगार नहीं मिल सका जिस कारण वापस दूसरे प्रदेशों जा रहे हैं. हुनर होने के बावजूद भी सरकार बिहार में रोजगार ना दे सकी, इसलिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और अहमदाबाद जाने को मजबूर हैं.

झूठे वादे कर लोगों को किया गुमराह
दूसरे प्रदेशों से श्रमिक मजदूर जब अपने घर वापस लौट आए थे तो उस दौरान जिला प्रशासन ने दावा किया था कि मजदूरों के स्किल के आधार पर रोजगार दिया जाएगा. डीएम ने कहा था कि बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्लंबर, पेंटर, मैकेनिक सहित तमाम स्किलफुल श्रमिकों को चयन किया जा रहा है. उनको रोजगार दिया जाएगा. लेकिन मजदूरों की बात सुनकर लगता है कि जिला प्रशासन सिर्फ झूठे वादे कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details