कटिहार:लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों से लाखों प्रवासी मजदूर अपने राज्य बिहार वापस लौटे थे. इस दौरान बिहार सरकार ने दावा किया था कि दूसरे प्रदेशों से लौटे इन मजदूरों को बिहार में रोजगार दिया जाएगा.
लेकिन उस दावे के 5 महीने बीत जाने के बाद भी उन मजदूरों को रोजगार नहीं मिल सका. जिस कारण रोजगार के अभाव में अपने घर-परिवार और बच्चों के लिए मजदूर फिर से रिवर्स माइग्रेशन करने को मजबूर हो गए हैं.
मजदूरों को नहीं मिला रोजगार
बता दें कटिहार में लॉकडाउन के दौरान करीब 90 हजार प्रवासी मजदूर लौटे थे. इन मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से कई माध्यमों के जरिए रोजगार देने की बात कही गई थी. जिला प्रशासन ने दावा किया था कि वैसे मजदूर जिनके पास कोई हुनर है, उन्हें उनके हुनर के हिसाब से उनको रोजगार दिया जाएगा. लेकिन हुनर होने के बावजूद भी वैसे लोगों को जिले में रोजगार नहीं मिल सका.
पलायन करने को मजबूर मजदूर पलायन कर रहे मजदूर
अब जब उनके पैसे खत्म हो गए, घर परिवार चलाने में दिक्कतें आने लगी तो, सरकार पर से भरोसा छोड़कर मजदूर अब फिर से दिल्ली-पंजाब कमाने जाने लगे हैं. कटिहार रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन इसी तरह का नजारा देखने को मिलता है.
हजारों की संख्या में सीमांचल और कोसी के लोग अपने परिवार के साथ यहां पहुंचकर ट्रेन के जरिए दूसरे प्रदेश पलायन करने को मजबूर हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने कटिहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर इन मजदूरों का हाल जाना तो, इन्होंने अपनी आप-बीती बताई और कहा कोई रोजगार नहीं है. बच्चे भूख के मारे रो रहे हैं.
क्या कहते हैं मजदूर
मजदूरों ने कहा कि पैसे खत्म हो गए हैं. इलाके में पानी भरे होने के कारण खेतों में लगे फसल बर्बाद हो गए हैं. लेकिन ना सरकार और ना ही स्थानीय प्रशासन किसी तरह की रोजगार का जुगाड़ कर रही है. कुछ मजदूरों ने बताया कि उनके पास हुनर है. बावजूद उनके हुनर के हिसाब से कोई रोजगार नहीं मिला. इसलिए फिर से वापस अपने परिवार के साथ बाहर जाने को मजबूर हैं.
कुछ मजदूरों को मिला काम
प्रवासी मजदूरों के रोजगार को लेकर कटिहार जिला प्रशासन का दावा है कि अभी तक दूसरे प्रदेशों से लौटे करीब 80 हजार प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जा चुका है. जबकि 1500 ऐसे मजदूर हैं, जिन्हें उनके हुनर के हिसाब से काम मिला है. लेकिन कटिहार रेलवे स्टेशन पर का दृश्य बताने के लिए काफी है कि जिले में कितने प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिला होगा और क्या वजह है कि इतने लोगों को अपने घर परिवार चलाने के लिए दूसरे प्रदेश की ओर पलायन करना पड़ता है.