कटिहार : सरकार गरीबों को अंत्योदय अन्न योजना के तहत राशन देने की बात कहती है. लेकिन जिले में आज भी कई ऐसे गरीब परिवार है, जिन्हें अंत्योदय अन्न योजना से एक अन्न का दाना नहीं मिला है. लिहाजा, यह लोग सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. लॉकडाउन के कारण गरीबों का रोजगार, काम धंधा सब कुछ ठप हो गया है. इसके चलते अब इन्हें अपना परिवार चलाने में दिक्कत हो रही है.
दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पीएचएच और अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गतप्रति परिवार को 2 रुपये किलो की दर ये 14 किलो गेहूं, 3 रुपये किलो की दर से 21 किलो चावल 3 रुपये प्रति किलो की दर से कुल 35 किलो खाद्यान्न वितरण की बात केंद्र सरकार ने कही थी. लेकिन कटिहार में इस योजना का अस्तित्व धरातल पर नहीं दिखाई देता. पांच महीनें से लोगों को अन्न का एक दाना तक नहीं मिला है.
यहां नहीं बंटा अनाज
मामला कटिहार शहरी क्षेत्र के वार्ड संख्या 33 का है, जहां दर्जनों गरीब परिवारों को कोरोना काल के दौरान राशन नहीं मिल रहा है. इस वार्ड के कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिनका 5 साल पहले से ही कार्ड बना हुआ है. बावजूद इसके, उन्हें राशन नहीं मिला.
ठेले पर सामान बेचकर और छोटी मोटी दुकान चलाकर, अपना घर-परिवार चलाने वाले इन गरीब परिवारों ने राशन के लिए कई बार स्थानीय जन वितरण प्रणाली दुकानदार का रुख किया. लेकिन वहां से इन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है. झोपड़ी में गुजर-बसर करने वाले लोग इधर उधर से मांग कर अपना घर परिवार का गुजारा कर रहे हैं. घर में अन्न नहीं है. लिहाजा, गरीब परिवार किसी तरह अपने बच्चों को मुरी खिला-खिलाकर उनका पेट पाल रहे हैं.