कटिहार: कोरोना वायरस से बचाव और महामारी से रोकथाम के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है. मार्केट मंदी की दौर से गुजर रहा है. ऐसे में लॉकडाउन की मंदी के बीच फलों के शहंशाह आम का बाजारों में आगमन हुआ है. बाजारों में फलों की तमाम दुकानों पर भीनी-भीनी खुशबू की महक के साथ आम दिखाई पड़ने लगे हैं.
बाजार में नये फलों के आवक से दुकानदार काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. वहीं, ग्राहक नदारद हैं. क्योंकि, लोकल आम नहीं होने से यह जहां एक ओर कम मिठास भरा है. वहीं, इस मुश्किल घड़ी में लोगों के पॉकेट से यह थोड़ा दूर भी है.
कटिहार के बाजारों में दिखने लगे आम आम के आगमन से दुकानदार काफी उत्साहित
पीले-लाल रंगों में करीने से सजे ये फल 'फ्रूट किंग' मैंगों है. जिसकी इन दिनों सीमांचल के बाजारों में ताजा इंट्री हुई है. बाजार में प्रवेश के समय यह साठ से अस्सी रुपये किलोग्राम के भाव से लोगों को मिल रहा है. नये फल के बाजार में आवक से दुकानदार काफी उत्साहित हैं. स्थानीय दुकानदार सुबोध कुमार शर्मा बताते हैं कि नया फल हैं, धीरे-धीरे बिक्री में तेजी आयेगी. अभी लोग किलो-दो किलो खरीदते हैं. लॉकडाउन का भी असर है. क्योंकि बाजारों में लोग पहले जैसा फ्रिक्वेंटली नहीं आ रहे हैं और जो आ रहे हैं, वह भी जरूरत के सामान खरीदकर घर लौट जा रहे हैं.
मैंगों फ्लेवर से गुलजार हुआ बाजार
स्थानीय राम यादव बताते हैं कि यह ठीक है कि बाजार में आम आ चुका हैं, लेकिन अभी वह स्वाद नहीं जो लोकल मैंगों में होता है. फिर भी आम तो आम ही है. इसके बारे में क्या कहना. थोड़ा सा भी चख लीजिए तो दिल बाग-बाग हो जाता है. बिहार में फलों के शहंशाह आम की पहुंच से रौनकें जरूर बढ़ी हैं. इलाका मैंगों फ्लेवर से गुलजार हुआ हैं, लेकिन स्थानीय आम के बाजारों में पहुंच में अभी थोड़ा समय और लगेगा. क्योंकि विशेषज्ञ बताते हैं अभी बागानों में आम के फलों में गुठली ही मैच्योर हो रहा है. बाजारों में फिलहाल आये यह फल मद्रास या पश्चिम बंगाल के बताये जा रहे हैं. जो अपने नाम के साथ लब्बोलुआब में चलकर ओहदे के मुताबिक सीमांचल के बाजारों तक पहुंच चुके हैं.