कटिहार: पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण कराया था. लेकिन जिले का आयुर्वेदिक चिकित्सालय केंद्र आज अपनी बदहाल स्थिति पर आंसू बहा रहा है. कर्मियों की कमी की वजह से ये अस्पताल आज खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.
आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र की हालत गंभीर
जिले के कोढ़ा प्रखंड के मडवा इलाके के आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र में सभी संसाधन उपलब्ध हैं. बावजूद इसके यहां लोगों का इलाज नहीं हो पाता है. चिकित्सालय के कमरे गंदगी से भरे हुए हैं, जैसे लगता है इस बीमार चिकित्सालय को खुद इलाज की आवश्यकता है.
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चिकित्सालय में 6 महीनों से लगा है ताला
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीते 6 महीने से इस चिकित्सालय में ताला लटका हुआ है. यहां ना तो कोई डॉक्टर आता है और ना ही कोई कर्मी. 6 महीने पहले एक कर्मी और एक डॉक्टर यहां पर पदस्थापित थे, लेकिन वो अब नहीं आते. ये एकमात्र आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण नीति के कारण पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार का ध्यान इस चिकित्सालय पर जाए ताकि लोगों का फिर से पुरानी पद्धति पर इलाज हो सके और इस अस्पताल के अच्छा दिन आ सके.