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कटिहार: कैसे पढ़ें नौनिहाल, जब बाढ़ में 6-6 महीने तक डूबे रहते हैं स्कूल

राज्य सरकार लोगों को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए केंन्द्र सरकार से फरक्का बैराज को खत्म करने की मांग करती रही है. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर कई बार बयान भी दिया है. ऐसे में राज्य सरकार केंन्द्र सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रही है.

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Published : Oct 3, 2019, 11:27 PM IST

government schools in katihar

कटिहार: जिले के बरारी प्रखंड के उत्तरी कान्तनगर इलाका पूरा जलमग्न है. यहां दस से पंद्रह फीट तक पानी लगा हुआ है. जहां पर लोग सिर्फ नाव से आवागमन करते हैं. बाढ़ के पानी ने जिले के कई प्रखंडों के स्कूलों को अपनी चपेट में लिया हुआ है. ऐसे में चारों तरफ से पानी से घिरे विद्यालयों में पढ़ाई नदारद है.

कई प्रखंडों का हाल है बुरा
हर साल जुलाई से लेकर अक्टूबर तक नदियों में उफान की वजह से इलाका पूरी तरह जलमग्न हो जाता है और पानी निकलते-निकलते जनवरी-फरवरी का महीना आ जाता है. ऐसे में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. गंगा और कोसी नदी के कैचमेंट एरिया में आने वाले प्रखंड जैसे बरारी, कुर्सेला, मनिहारी और अमदाबाद के सैकड़ों ऐसे सरकारी स्कूल हैं जिसके बच्चे साल में छह महीने बाढ़ की मार झेलते हैं.

मनिहारी प्रखंड का जलप्लावित मध्य विद्यालय

मनिहारी प्रखंड का विद्यालय है प्रभावित
जिले के मनिहारी प्रखंड के जलप्लावित मध्य विद्यालय में पढ़ने वाली एक बच्ची का कहना है कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन विद्यालय जाए तो जाए कैसे? स्कूल में बाढ़ का पानी लगा हुआ है. वहीं, दूसरे बच्चे ने कहा कि स्कूल में पानी लगे रहने के कारण वह स्कूल नहीं जा पाता है. ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी? दूसरी ओर एक स्थानीय ने बताया कि बाढ़ से ऐसी तबाही इलाके के लिए कोई नई बात नहीं है. हर साल ऐसा होता रहा है. बच्चे आखिर कैसे पढ़ेंगे क्योंकि स्कूल से पानी निकलते-निकलते चार महीने लग जाते हैं.

बाढ़ में डूबे हुए हैं प्रखंड के सरकारी विद्यालय

केंन्द्र सरकार के फैसले का है इंतजार
गौरतलब है कि राज्य सरकार लोगों को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए केंन्द्र सरकार से फरक्का बैराज को खत्म करने की मांग करती रही है. मुख्यमंत्री ने इसको लेकर कई बार बयान भी दिया है. हाल ही में सूबे के जलसंसाधन मंत्री संजय झा ने भी फरक्का बैराज के कारण बाढ़ में डूबते राज्य को केंन्द्र सरकार को निजात दिलाने की बात कही है. ऐसे में राज्य सरकार केंन्द्र सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रही है.

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