कटिहार: कटिहार में करोड़ों की लागत से बस स्टैंड का निर्माण किया गया. जिसका उद्घाटन 24 दिसंबर 2016 खुद सीएम नीतीश कुमार ने किया. नवनिर्मित बस स्टैंड के जरिए लोगों को परिवहन में एक जगह से सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का मकसद था. लेकिन वर्तमान में यह बस स्टैंड डंपिंग यार्ड बन कर रह गया है.
ईटीवी भारत संवादाता की रिपोर्ट परेशानी का सबब बना डंपिंग यार्ड
इस बस स्टैंड से शहर को जाम से निजात दिलाने की तरफ देखा जा रहा था. लेकिन यह बस स्टैंड कचड़ों का डंपिंग यार्ड बन गया. डंपिंग यार्ड बनने से स्थानीय लोग भी परेशान हैं. लोगों ने इसके खिलाफ आंदोलन से लेकर सड़क जाम भी किया. लेकिन नतीजा कुछ भी हासिल नहीं हुआ. इसके गंदगी के कारण स्थानीय लोग तरह-तरह की बिमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं.
पुरे शहर का कचरा होता है डंप
यह बस स्टैंड 20 एकड़ में फैला हुआ है. इसके जरिए जिले के 35 लाख आबादी को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की योजना थी. बस स्टैंड में बना मुसाफिरखाना का भवन भी धूल फांक रहा है. स्थानीय लोग कहते हैं, 'पूरे शहर का कचरा यहीं पर फेंका जाता है'. यह बीमारी को दावत दे रहा है.
नवनिर्मित बस स्टैंड में कचड़े का अंबार सदन में भी उठा सवाल परन्तु नहीं निकला हल
स्थानीय लोगों की मानें तो शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण नवनिर्मित बस स्टैंड चालू नहीं हो सका है. शहर की ओर जाने में दो-दो रेल फाटक को क्रॉस करना पड़ता है. जिसके कारण जाम की समस्या बनी रहती है. रेल ओवरब्रिज की मांग भी की गई. लेकिन न तो बस की शुरूआत हो सकी और न ही बसों का परिचालन. जनप्रतिनिधियों ने सदन में सवाल भी उठाया. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.