कटिहार:कोरोना काल में बाढ़ के कारण लोगों की परेशानी दोगुनी हो गई है. लोग प्राकृतिक आपदा की चौतरफा मार झेलने को विवश हैं. कोरोना काल में बाढ़ लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई भीषण बारिश के बाद कटिहार के निचले इलाके में पानी भर गया है. जिससे लोगों के घरों में पानी घुस गया हैं.
स्थिति इतनी भयावह है कि बाढ़ पीड़ित अब तिनका-तिनका जोड़कर सड़क किनारे ऊंचे स्थानों पर झोपड़ी बना रहे हैं. ताकि किसी तरह जान बचायी जा सके. कटिहार-मनिहारी मार्ग में सड़क किनारे लोग झोपड़ी बनाने के लिए बांस-बल्लम के खूंटे गाड़ रहे हैं. दरअसल, यह लोग मनिहारी के उस इलाके से आते हैं, जहां बाढ़ का पानी फैल गया है.
सड़क किनारे आशियाना बनाते लोग तबाह होने की कगार पर गृहस्थी
बाढ़ पीड़ितों की मानें तो निचला इलाका होने के कारण खेती-बाड़ी सब डूब गयी है. गृहस्थी भी तबाह होने की कगार पर है. लिहाजा पीड़ितों ने सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर किसी तरह जान बचाने की ठानी है. बाढ़ पीड़ित परमेश्वर महतो बताते हैं कि गांव के चारों ओर बाढ़ का पानी आ गया है. खेती सब चौपट हो गया है. धान की रोपनी की थी, सब बर्बाद हो गया.
जिंदा रहने के लिए बना रहे आशियाना
बाढ़ पीड़ित परमेश्वर महतो बताते हैं कि धीरे-धीरे घरों के चौखट तक पानी पहुंच गया है. किसी तरह जान बचाने के लिये सड़क किनारे झोपड़ी बना रहे हैं. लोग बाढ़ से तबाह हो रहे हैं. लेकिन अब तक किसी तरह की सरकारी मदद मय्यसर नहीं है. बाढ़ पीड़ित लीला देवी बताती हैं कि पानी में सब कुछ बर्बाद हो गया.
कटिहार में हाल-बेहाल
बता दें कि कटिहार के करीब 7 प्रखण्ड ऐसे हैं जहां बाढ़ की विभीषिका दिख रही है. इसमें मनिहारी, अमदाबाद, आजमनगर, प्राणपुर, कदवा, फलका, बरारी ब्लॉक हैं. इसके अलावा कई प्रखण्ड ऐसे हैं जहां सैलाब का सितम आंशिक हैं.