कटिहारः जिले में हर साल बाढ़ और कटाव के कारण लाखों लोग विस्थापित हो जाते हैं. सालों से चले आ रहे इस समस्या का अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है. ऐसे में विस्थापित रेलवे लाइन और सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं. नए जिलाधिकारी कवंल तनुज से बाढ़ पीड़ित और विस्थापितों को उम्मीदें हैं कि वो उनके पुनर्वास के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे.
प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान
दरअसल, कटिहार चारों ओर से नदियों से घिरा है. इससे प्रत्येक साल इलाके में आने वाली बाढ़ की वजह से लाखों लोग प्रभावित होते हैं. विस्थापित परिवार को पुनर्वास के लिए जिले के कई संगठनों ने आंदोलन, भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन किया. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. अब जिले में नए डीएम के आने से विस्थापितों को थोड़ी उम्मीद जगी है कि वे उनकी समस्याओं का कोई उचित समाधान निकालेंगे.
कटिहारः बाढ़ पीड़ित रेलवे की जमीन पर रहने को हैं मजबूर, नए DM से पुनर्वास की बढ़ी आस - मनिहारी प्रखंड
विस्थापित परिवार को पुनर्वास के लिए जिले के कई संगठनों ने आंदोलन, भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन किया. इसके बावजूद जिला प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
300 विस्थापित परिवार
मनिहारी प्रखंड के सिंगल टोला निवासी सरबतिया मासोमात ने बताया कि इस बार इलाके में बाढ़ के कारण पूरा गांव डूब गया था. लेकिन सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली. सिंगल टोला गांव में करीब 300 विस्थापित परिवार हैं. लेकिन अपनी जमीन नहीं होने के कारण इन्हें भगाए जाने का भी डर है.
कई बार किया गया आंदोलन
वहीं, विस्थापितों की लड़ाई लड़ने वाले समाजसेवी विक्टर झा ने बताया कि विस्थापितों की समस्या के लिए कई बार आंदोलन किया गया. इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकाला गया. विक्टर झा ने कहा कि नए डीएम के आने से उम्मीद है कि वे विस्थापितों को जगह जमीन मुहैया कराकर बसाएंगे.