कटिहार:बाढ़ की विभीषिका झेल रहे अमदाबाद के लोग अब सरकार से आस छोड़ चुके हैं. आपसी अंशदान और श्रमदान कर आवागमन के लिए चचरी पुल के निर्माण में जुटे हैं. लोग बांस के जरिए पन्द्रह सौ मीटर लंबी चचरी पुल बनाकर खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश में जुटे हैं.
इलाका हुआ जलमग्न
नेपाल में हो रही बारिश जिले के लोगों के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. जिले का अमदाबाद इलाका, यहां के लोग नेपाल के पानी से भयभीत हैं. सरकारी नाव की आस लगाए लो खुद को सुरक्षित रखने के लिए उपाए करने में जुट गए हैं. बारिश के बाद नेपाल की तरफ से पानी छोड़ा गया. जिसके कारण पूरा इलाका जल मग्न है. जहां-तहां सड़कों पर पानी भरा है. सरकार की तरफ से नाव नहीं मिलने पर स्थानीय लोग चंदा इकट्ठा कर चचरी पुल का निर्माण कर रहे हैं.
चचरी पुल निर्माण में जुटे ग्रामीण तीन सौ बांस से बनाया जा रहा पुल
इस चचरी पुल के निर्माण में करीब तीन सौ से ज्यादा बांस का उपयोग किया जा रहा है. दो से तीन दिन में पुल बन कर तैयार हो जायेगी. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि पानी से होने वाली परेशानी से निपटने के लिए पुल निर्माण करना पड़ रहा है. इससे बच्चों और मरीजों को काफी मदद मिलेगी. लोगों का कहना है कि, 'गांव में कोई बीमार पड़ता है तो खटिया पर ले जाने लायक रास्ता भी नहीं बचा है, ऐसे में चचरी पुल का निर्माण किया गया है.'
चचरी पुल निर्माण में जुटे ग्रामीण बारह पंचायतों का आवगमन बाधित
पानी भरने के कारण बारह पंचायतों के हजारों लोगों का आवागमन ठप हो जाता है. यहां पुल का निर्माण होना चाहिए. लेकिन प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रही. जहां सरकार के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होता है. ऐसे में ग्रामीणों ने अंशदान और श्रमदान के बदौलत खुद को सुरक्षित रखने की तैयारी कर ली है.