कटिहारःजिले के सबसे बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानी तारिणी प्रसाद साह को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हाल ही में सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने उन्हें शॉल, चादर और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया. ये कार्यक्रम भारत छोड़ो आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के 'एट होम' में आयोजित की गई थी. तारिणी प्रसाद ने अगस्त क्रान्ति के दौरान रेल की पटरियां उखाड़ डाली थीं. कटिहार के स्वतंत्रता सेनानी तारिणी प्रसाद साह की भारत छोड़ो आंदोलन में अहम भूमिका रही है.
कई महीनों तक भूमिगत रहे थे तारिणी प्रसाद
ईटीवी भारत से बात करते हुए तारिणी प्रसाद ने आजादी की लड़ाई को याद करते हुए वीरता की कई बातें बताईं. उन्होंने बड़े जोश के साथ बताया कि कैसे उन्होंने और उनके दोस्तों ने अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया. अगस्त क्रांति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कटिहार से होकर गुजरने वाली गुवाहाटी-नई दिल्ली रेलखण्ड पर कटिहार, पूर्णिया, नौवगछिया जैसे इलाकों में रेल पटरियों को उखाड़ फेंका था. तारिणी प्रसाद के इस कार्य से अंग्रेज हुकूमत ने इनकी गिरफ्तारी के लिये जाल बिछाया. वो अपनी गिरफ्तारी से बचने और आंदोलन को जारी रखने के लिये कई महीनों तक भूमिगत रहे.