कटिहार: जिले के सदर अस्पताल के कबाड़ में काफी मात्रा में दवा फेंकी हुई मिली थी. इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने जांच कमेटी बनाई थी. लेकिन एक महीना बाद भी जांच कमेटी की रिर्पोट नहीं आयी. वहीं, दूसरी ओर मरीजों को दवा लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कटिहार सदर अस्पताल में लापरवाही चरम पर, दवा सप्लाई में गड़बड़ी की जांच नहीं हुई पूरी - कटिहार सदर अस्पताल
एसडीएम नीरज कुमार ने कटिहार सदर अस्पताल का अचानक निरीक्षण किया तो लगभग 33 लाख लोगों की जिम्मेदारी वाले इस अस्पताल में मात्र 32 जीवनरक्षक दवा मिली है.
अगले साल एक्पायर होने वाली थी दवा
बात बिहार के कटिहार सदर अस्पताल की है. जहां इन दिनों मरीजों को दवा नहीं मिलने को लेकर मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. बताया जाता है कि करीब डेढ़ महीने पहले अस्पताल के कबाड़नुमा स्टोर से लाखों रुपये की मेडिसीन सड़ती हुई पायी गयी थी. जिसमें कुछ दवाएं ऐसी भी थीं जो अगले साल एक्सपायर हो रही थी. जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. मुर्तजा अली ने जांच के आदेश दिये थे जो अब तक पूरा नहीं हो सका है.
जांच में अस्पताल प्रशासन की खुली पोल
एसडीएम नीरज कुमार ने कटिहार सदर अस्पताल का अचानक निरीक्षण किया तो लगभग 33 लाख लोगों की जिम्मेदारी वाले इस अस्पताल में मात्र 32 जीवन रक्षक दवा मिली है. जिसके बाद पूरा अस्पताल प्रशासन की पोल खुल गई है. वहीं इस मामले को लेकर राजनीति बयानबाजी भी शुरू हो गई है. बिहार के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. रामप्रकाश महतो ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर अभद्र टिप्पणी की और कहा कि वो स्वास्थ्य विभाग के लिए अमंगल साबित हो रहे हैं.