कटिहार: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरा देश लॉक डाउन है. इसके साथ ही बिहार सरकार के सामने एक बड़ी समस्या आ गई है. समस्या यह है कि दिल्ली या दूसरे राज्यों से हजारों की संख्या में मजदूर आ रहे हैं. कई मजदूर बिहार आने की तैयारी में हैं. इसको लकेर कटिहार जिला प्रशासन ने ऐसे प्रवासी मजदूरों को जिले के सीमा पर ही तत्काल शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. सीमावर्ती सरकारी विद्यालयों या दूसरे अन्य भवनों को आपदा राहत केन्द्र के रूप में तैयार किया जा रहा है. इस भवनों पर फॉगिंग स्प्रे करवाया भी जा रहा है और आपदा राहत केंद्र पर भोजन और आवास के इंतजाम किए जा रहे हैं.
यह दृश्य कटिहार उच्च विद्यालय का हैं. जिसे कटिहार जिला प्रशासन ने लॉक डाउन के दौरान आपदा राहत केन्द्र में तब्दील किया हैं. यहां वैसे लोगों के लिए रहने-खाने का इंतजाम किया गया है. जो किसी ना किसी कारण से लॉक डाउन के चलते अपने घर नहीं पहुंच पाए हैं और बीच मे ही रूके हुए हैं. इन केंद्रों पर दिल्ली या दूसरे प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों के आवास की व्यवस्था की गई है. इसके लिए विद्यालय भवनों को अपडेट किया जा रहा है. फॉगिंग मशीन के जरिए विद्यालय भवनों में स्प्रे किया जा रहा हैं. ताकि संक्रमण का चेन ना बन पाए. कटिहार नगर निगम के फॉगिंग ऑपरेटर कालीचरण ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश पर आपदा राहत केंद्रो पर स्प्रे किया जा रहा है.
कटिहार के कई स्कूलों में बनाया गया आपदा राहत केंद्र, यहां रुकेंगे बिहार आ रहे मजदूर - Disaster relief center in katihar
लॉक डाउन के चलते हजारों की संख्या में मजदूर बिहार लौट रहे हैं. इसको लेकर प्रशासन ने अन्य राज्यों के बॉर्डर से सटे प्रवासियों के लिए आपदा राहत केंद्र बनाया है.
![कटिहार के कई स्कूलों में बनाया गया आपदा राहत केंद्र, यहां रुकेंगे बिहार आ रहे मजदूर कटिहार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-6596116-395-6596116-1585563615921.jpg)
कटिहार
भागलपुर से ईटीवी संवाददाता की रिपोर्ट
21 आपदा केंद्र हैं बने
गौरतलब है कि कटिहार जिला सीधे तौर पर पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य की सीमा से सटा हैं. कृषि प्रधान जिला होने की वजह से इस इलाके की एक बड़ी आबादी रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर जाती है. कोरोना संकट महामारी के दौरान यह प्रवासी मजदूर कटिहार लौट रहे हैं. जिससे निपटने और जिले के सीमावर्ती इलाकों में ठहराने के लिए जिला प्रशासन ने कुल 21 आपदा राहत केंद्र बनाए हैं.