कटिहारः पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है. उसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर रेल परिचालन पर पड़ा है. रेल के चक्के थमने के बाद बड़े स्टेशनों के मेंटेनेंस कार्य तो थोड़े बहुत चल रहे हैं, लेकिन छोटे स्टेशनों का हाल काफी बुरा है. स्टेशन परिसर लोगों के अनाज सुखाने का काम आ रहा है.
कटिहार: जिस स्टेशन पर कभी रहती थी चहल-पहल, वहां लॉकडाउन में छाई है विरानगी
कोरोना महामारी की वजह से आम जनता को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही सरकार को भी कई क्षेत्रों में नुकसान झेलना पड़ रहा है.
किए जा रहे निजी काम
महियारपुर स्टेशन कटिहार-तेजनारायणपुर रेलखंड का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है. स्थानीय लोग बताते हैं कि जब सब सामान्य था और लॉकडाउन की कहीं चर्चा नहीं थी तो इस रेलखंड पर पैसेंजर, गुड्स, एक्सप्रेस कई जोड़ियां गाडियां दौड़ती थी, लेकिन अब नजारा बदल गया है. ट्रेनों के परिचालन नहीं होने से स्टेशन बदहाल है, पटरियां बेजान पड़ीं हैं, जगह-जगह पर बड़े-बड़े घास उग आए हैं. साथ ही लोग निजी कामों के लिए लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं.
ऑटो चालकों की चांदी
स्थानीय प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेनों का परिचालन बंद होने से लोगों को काफी परेशानियां हो रही हैं. हालांकि ट्रेन नहीं चलने से ऑटो चालकों की चांदी हो गई है. भारतीय रेलवे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है. महामारी के इस दौर में परिचालन बंद होने से रेलवे को लाखों करोड़ का नुकसान पहुंचने की बात सामने आ रही है. अब देखना होगा कि कब रेल का सुचारू ढंग से परिचालन हो पाता है. बता दें कि लॉकडाउन में सरकार को हर क्षेत्र में नुकसान झेलना पड़ा है.