कटिहार:पूरा देश महाशिवरात्रि के मौके पर आस्था में डूबा हुआ है. लेकिन बहुत कम लोगों को पता हैं कि बिहार के कटिहार की उत्पत्ति भगवान शिव की वजह से हुई है. ऐसी मान्यता हैं कि भगवान शिव जब आकाश मार्ग से पार्वती के अधजली शरीर को ले जा रहे थे. तो उनके कटि ( कमर ) का हार यहां गिर था यानी जिस जगह सती के कमर का हार गिरा वहीं कटिहार हैं.
कटिहार में शिव की अनोखी शादी, भूत-पिशाच के वेश में नजर आये बाराती
महाशिवरात्रि के मौके पर कटिहार में शिवभक्त भूत-पिशाच और बंदरों की वेशभूषा में बाराती बने नाचते-झुमते नजर आए. हर साल यहां रात में बारात निकाली जाती हैं. जो पूरे शहर घूमती है. इसमें पूरे शहर के लोग मौजूद रहते हैं. देर रात तक यह आयोजन चलता है.
भूत-पिशाच और अन्य कई वेशभूषा में थे बारातीगण
महाशिवरात्रि के मौके पर शिवभक्त भूत-पिशाच और बंदरों की वेशभूषा में बाराती बने नाचते-झूमते नजर आए. हर साल यहां रात में बारात निकाली जाती हैं. जो पूरे शहर में घूमती है. इसमें पूरे शहर के लोग मौजूद रहते हैं. देर रात तक यह आयोजन चलता है. आयोजक आशीष रंजन बताते हैं कि पूरा शहर उत्साह से लबरेज है. वहीं, स्थानीय नारायण अग्रवाल बताते हैं कि यह बारात पूरे शहर में यात्रा करेगी. उन्होंने बताया कि बीते बाइस सालों से वह लोग इस तरह का अनोखे आयोजन करते आ रहे हैं.
कटिहार में दोगुना उत्साह
महाशिवरात्रि के मौके पर कटिहार में दोगुना उत्साह होता हैं. इस अनोखे बारात यात्रा में पूरे शहर में उत्साह रहता है. इसके साथ ही जिले के दूसरे हिस्सों में भी जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जागरण कार्यक्रम में कलाकारों ने भजन गाकर माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया.