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कटिहार: डिजिटल रथ का ग्लैमर हुआ फेल, मंत्री के खिलाफ वोटरों की निकली भड़ास

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Published : Oct 12, 2020, 5:05 PM IST

कटिहार में बीजेपी को चार सीटें मिली हैं. डिजिटल रथ से प्राण विधानसभा क्षेत्र में अभियान चलाया गया है. इसका कोई असर लोगों पर नहीं पड़ा है. समस्याओं से जुझ रहे वोटरों के लिए रथ, महज बात बन कर रह गई है. बता दें कि प्राण विधानसभा सीट से मंत्री विनोद कुमार सिंह की पत्नी निशा सिंह की टिकट देकर चुनाव में उतारा हैं.

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डिजिटल रथ

कटिहार:जिले में तीसरे चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गयी हैं. एनडीए में सीट शेयरिंग में चार सीटें बीजेपी को मिली हैं. बीजेपी ने प्राण विधानसभा क्षेत्र में हाईटेक चुनाव अभियान चला रखा हैं और गांव-गांव बीजेपी का डिजिटल रथ सरकार के विकास कार्यों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में जुटा हैं, लेकिन इसका असर लोगों पर नहीं दिख रहा है. समस्याओं से जुझ रहे वोटरों के लिए रथ, महज बात बन कर रह गई है.

ग्रामीण

लोगों को नहीं आ रहा डिजिटल रथ का रास
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोई मंत्री इस इलाके में आज तक सुध लेने नहीं पहुंचे. यह तस्वीर कटिहार के प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र का हैं, जहां बीजेपी ने बीमार मंत्री विनोद कुमार सिंह की पत्नी निशा सिंह की टिकट देकर चुनाव में उतारा हैं. बता दें कि हॉट सीट माने जाने वाले प्राणपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने प्रचार अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंक डाली हैं. कार्यकर्ताओं की टोली जहां मतदाताओं से संपर्क करने गांव-गांव जनसंपर्क अभियान में लगे हैं.

वहीं, हाईटेक कैंपनिंग की मुहिम भी चल रही हैं. डिजिटल रथ के जरिये मतदाताओं के बीच केंद्र सरकार की उपलब्धियों और विकास योजनाओं की जानकारी के साथ आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर प्रदर्शित की जा रही हैं ताकि मतदाताओं को गोलबंद किया जा सकें, लेकिन वोटरों पर डिजिटल रथ का ग्लैमर रास नहीं आ रहा हैं.

ईटीवी भारत की देखें रिपोर्ट

प्राण विधानसभा में नहीं हुआ काम
स्थानीय टिंकू कुमार मंडल बताते हैं कि चुनाव आते ही लोग शोर मचाने लगते हैं कि वोट दीजिये, लेकिन जैसे ही चुनावी शोर खत्म होता हैं. उसके बाद कोई उसकी दुख-सुख सुनने नहीं आता. यह इलाका प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र में आता हैं और यहां से बीजेपी के विनोद कुमार सिंह विधायक हैं जो बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन बीते पांच सालों से वह विधायक बने हैं. एक बार भी गांव घूम कर नहीं आये.

ग्रामीण

इस बार हमलोगों ने ठाना है कि चेहरा बदलना चाहिए. स्थानीय ग्रामीण हेमंत कुमार मंडल बताते हैं कि गांव में समस्याएं विकराल रूप धारण किये हुए हैं. आवागमन के लिये एक पुल नहीं हैं, लेकिन स्थानीय विधायक विनोद कुमार सिंह कभी जीतने के बाद क्षेत्र में नहीं आये. स्थानीय ग्रामीण सीताराम दास बताते हैं कि पूरा गांव शाम होते ही अंधकार में डूब जाता हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो जाती है.

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