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नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत से लोगों को जागरूक करने वाले इन कलाकार मांग रहे इच्छामृत्यु

बिहार सरकार की जनकल्याण योजनाओं को जन-जन पहुंचाने वाले इन कलाकारों का आरोप है कि सरकार ने हमसे जी तोड़ मेहनत करवाई. जब मानदेय भुगतान का समय आया तो सरकार प्रशासन पर जिम्मेदारी थोप रही है और प्रशासन सरकार पर. दयनीय स्थिति में पहुंच चुके कलाकार अब तो आत्महत्या की इजाजत मांग रहे हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 3:04 PM IST

कटिहार:जिले में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जुड़े कलाकार अपने भुगतान के लिए दर-दर भटक रहे हैं.सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने और उसे लोगों तक पहुंचाकर सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले ये कलाकार सरकार और प्रशासन पर मानदेय भुगतान नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं.

तस्वीर कटिहार समाहरणालय की है.कलाकारों का जत्था अपने भुगतान के लिए जिला पदाधिकारी से गुहार लगाने पहुंचा.बताया जाता है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जुड़े इन43लोगों को राज्य सरकार के विकास कार्यों की जानकारी आमलोगों तक पहुंचाने का भार सौंपा गया था.इसके लिए निर्धारित रकम देने का प्रावधान है.कुछ दिनों तक राशि देने के बाद लोकसभा चुनाव का हवाला देकर रोक दिया गया.

भुगतान के लिए भटक रहे कलाकार

नुक्कड़ नाटक और गीत-संगीत से लोगों को जागरूक करने वाले इन कलाकारों का कहना है कि चुनाव आए और जिसके लिए प्रचार किया वो सरकार भी बन गई,लेकिन हमें पैसे नहीं मिले.कभी डीएम मिलने में आनाकानी करती है तो कभी डीपीआरओ के पास भेज देती है.सभी मीटिंग का बहाना बनाकर कई दिनों तक गुहार नहीं सुनती.

बयान देते पीड़ित कलाकार

आत्महत्या की मांग करे इजाजत

एक कलाकार कंचन सागर का कहना है कि पैसों के भुगतान के लिए दौड़ते-दौड़ते हमारी चप्पलें घिस चुकी हैं.वहीं एक और पीड़ित कलाकार राजेश कुमार शर्मा भुगतान नहीं होने पर आत्महत्या की बात कह रहे हैं,क्योंकि प्रोग्राम के समय होने वाले खर्च को उनलोगों ने कर्ज पर लिया था,जिसका ब्याज अब अधिक हो चुका है.कहते हैं इतनी कम रकम में न कर्ज चुकेगा न ब्याज.इससे बेहतर है हमें आत्महत्या की स्वीकृति दे दी जाए.

दयनीय आर्थिक स्थिति से जीविका पर संकट

स्थानीय कुणाल बताते हैं कि अगर भुगतान जल्द नहीं किया तो सरकार की गाथा जन-जन तक पहुंचाने वाले ये आर्टिस्ट सरकार की बेरुखी को जनता तक पहुंचाएंगे.काम करवाकर भुगतान देने में आनाकानी करना,सरकारी बाबुओं की लापरवाही की पोल खोलता है.ये कलाकार पहले ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं.सरकार को स्वत:संज्ञान लेकर मामले का जल्द-से-जल्द निपटारा करना चाहिए.

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