कैमूर: दुर्गावती प्रखंड के कर्मनाशा के रहने वाले शिक्षक पीयूष मोहन इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बने हुये है. दरअसल पीयूष ने भोजपुरी में रामचरितमानस लिख डाला है. जिसकी चर्चा सभी कर रहे हैं.
भोजपुरी में भी लोग पढ़ सकेंगे रामचरितमानस 'जब लॉकडाउन लगा तो मैंने सोचा क्यों रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए. क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. इसलिए मैंने अपने खाली समय में रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखना शुरू किया और अब वे अंतिम दौर में है.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण
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भोजपुरी में रामचरितमानस
भोजपुरी में लिखा गया रामचरितमानस इस सबन्ध में शिक्षक से लेखक बने पीयूष मोहन बताते हैं जब लॉकडाउन लगा तो पूरी तरह खाली बैठे थे. और उन्होंने सोचा कि रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए, क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. साथ ही उनका कहना है कि भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए रामचरितमानस लिखने का उन्होंने फैसला लिया. ग्रामीण भी शिक्षक की इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं.
'भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया गया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए हमने रामचरितमानस लिख दिया. कई क्षेत्रीय भाषा में लोगों को अवार्ड मिलता है लेकिन भोजपुरी को लेकर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, इसलिए हमने सोचा कि रामचरितमानस को अपनी भाषा में लिखकर भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ाया जाए.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण
'भोजपुरी को सम्मान'
कैमूर के शिक्षक ने लिखा भोजपुरी में रामचरितमानस बता दें कि पीयूष मोहन लगभग 6 महीने से रामचरितमानस लिख रहे हैं. अभी कुछ अध्याय बाकी हैं जिसे कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. पीयूष ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि 'भोजपुरी में लोग रामचरितमानस जैसे भोजपुरी में लिखी गई किताबों को पढ़ें जिससे कि समाज में भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ सके.