कैमूर: एसपी दिलनवाज अहमद ने बीते 13 जून को हुई हत्या का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि मृतक अनिल प्रजापति भभुआ नगर परिषद के संवेदक आलोक सिंह का ड्राइवर था. शराब विवाद के कारण उसकी हत्या हुई थी.
इस मामले में अजय कुमार और विक्की कुमार नाम के दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा गया है. इसके साथ ही मृतक का मोटरसाइकिल, ड्राइविंग लाइसेंस और एटीएम कार्ड भी बरामद कर लिया गया है.
'वैज्ञानिक अनुसंधान से पकड़ में आया आरोपी'
एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि बीते 13 जून को सोनहन थाना अंतर्गत बेलाव-भभुआ मुख्य सड़क पर बोरे में एक युवक का शव बरामद किया गया था. मृतक की पहचान रोहतास जिला निवासी अनिल प्रजापति के रूप में हुई थी. जो भभुआ के वार्ड 25 में किराये के मकान में रहता था.
जांच के लिए बनाई गई थी विशेष टीम
एसपी ने बताया कि शव बरामद होने के बाद भभुआ के एसडीपीओ अजय प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाकर वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किया गया था. जिसके बाद मृतक के मोबाइल नंबर सीडीआर की जांच करनी शुरू की. जिसके बाद नंबर किसी सुदर्शन यादव के नाम पर निकाला. जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया तो उसने खुद को निर्दोष बताया.
हत्या में प्रयुक्त किये गए औजार और बरामद कार्ड हिरासत में लिए गए सुदर्शन यादव ने बताया कि उसने सिम खरीदकर भभुआ वार्ड 25 के निवासी अजय कुमार को दिया था. इसके बाद अजय की गिरफ्तारी की गई.
पूछताछ में हुआ खुलासा
जिला पुलिस कप्तान ने बताया कि पुलिस ने जब अजय को गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि उसके भाई विक्की ने इस कांड को अंजाम दिया है. जिसके बाद विक्की को भी गिरफ्तार किया गया और दोनों को जेल भेज दिया गया.
'प्लानिंग के तहत की गई थी हत्या'
गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि अनिल प्रजापति के साथ मिलकर वह शराब का अवैध कारोबार करते थे. लेकिन पुलिस की गश्ती बढ़ने के बाद कारोबार बंद हो गया था. मृतक के पास 13 हजार रुपये का हिसाब बचा हुआ था. जब पैसे की मांग की तो अनिक प्रजापति ने पैसे देने से मना कर दिया. जिसके बाद गिरफ्तार वक्की और अजय ने मिलकर लाठी डण्डे से पीटकर उसकी हत्या कर दी और शव को बोरे में बंद कर रात के अंधेरे में उसे नहर किनारे फेंक दिया था.