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हॉट सीट बनी चैनपुर, समाजसेवी ने मंत्री को निर्दलीय चुनाव जीतने की दी चुनौती

नीरज पाण्डेय ने कहा कि पहाड़ पर बसे अधौरा के खूबसूरत वादियों को आजतक विकसित नहीं किया गया. लेह लदाख जैसे दुर्गम पहाड़ियों पर मोबाइल नेटवर्क है, लेकिन यहां के 100 से अधिक गांव में नहीं है.

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Published : Jul 20, 2020, 2:14 PM IST

कैमूर: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. सभी दल इसके लिए तैयारियों में जुट गए हैं. प्रदेश में कोरोना काल के बीच चुनावी सुगबुगाहट तेज है. ऐसे में प्रत्याशी लगातार लोगों से विभिन्न माध्यम से जनसंपर्क और अपनी दावेदारी पेश कर रहें है. कैमूर की चैनपुर विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है.

'निर्दलीय चुनाव लड़कर दिखाएं विधायक'
बिहार सरकार के मंत्री व स्थानीय विधायक बृज किशोर बिन्द को 10 साल से क्षेत्र में समाज सेवा कर रहे नीरज पाण्डेय ने चैलेंज दिया है. नीरज पाण्डेय ने कहा कि मंत्री बृज किशोर बिन्द व स्थानीय विधायक उनके साथ निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतकर दिखा दे तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा कि अधौरा प्रखंड के 108 गांव में मुख्य सड़क के किनारे बसे 10-15 गांव को छोड़कर कोई मंत्री को नहीं जानता.

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'मंत्री को नहीं पहचानते ग्रामीण'
नीरज पाण्डेय ने कहा कि यदि कोई बता दे कि स्थानीय विधायक का नाम क्या है, कैसे दिखते हैं, उनकी योजना क्या है? तो वो राजनीति से कोषों दूर चले जायेंगे. उन्होंने मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 3 बार चैनपुर से विधायक रहने के बाद भी यदि कोई अपने क्षेत्र में भ्रमण नहीं करता है और वहां के ग्रामीण उन्हें नहीं पहचानते तो इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है.

'नहीं है मोबाइल नेटवर्क'
समाजसेवी ने कहा कि विकास के दावे करने वाले भाजपा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के लोग आज भी 19 वीं सदी में जी रहे है. जहां न तो कम्युनिकेशन है और न ही लोगों को बुनियादी सुविधा दी जाती है. पहाड़ पर बसे अधौरा के खूबसूरत वादियों को आजतक विकसित नहीं किया गया. लेह लदाख जैसे दुर्गम पहाड़ियों पर मोबाइल नेटवर्क है लेकिन यहां के 100 से अधिक गांव में नहीं है. नीरज पाण्डेय ने कहा कि पर्यटक के दृष्टिकोण से कई खूबसूरत वॉटरफाल है लेकिन आजतक इन क्षेत्रों का विकास नहीं हो पाया है.

कौन हैं नीरज पाण्डेय?
नीरज पाण्डेय समाजसेवी हैं. जो पिछले 10 सालों से पहाड़ी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के विकास के लिए कार्यरत है. आगामी विधानसभा चुनाव में वे अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर चुके हैं और दावा कर रहे है कि इस बार चैनपुर विधानसभा में बिहार का इतिहास बदल जायेगा. इस चुनाव में लोग जातीय समीकरण से उठकर विकास के नाम पर वोट करेंगे और उन्हें निर्वाचित करेंगे.

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