कैमूर: जिले के कुछ युवाओं को तमिलनाडु में जबरन बंधक बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है. पीड़ित परिवार अपने बच्चों की रिहाई के लिए अब डीएम और एसपी से गुहार लगा रहा है. बताया जा रहा है कि युवकों को वहां बंधक बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है.
सभी युवा कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड स्थित अखलासपुर गांव के निवासी बताए जा रहे हैं. सात युवा तमिलनाडु की एक कंपनी में काम करने गए. जहां उनसे जरूरत से ज्यादा काम लिया जाने लगा. जिसके बाद उन्होंने कंपनी में नौकरी छोड़ने की बात कही. लेकिन, उन्हें जबरन बंधक बना लिया गया है.
फैक्ट्री में काम करने के लिए गए थे
परिजनों ने कहा है कि तमिलनाडु की एक कंपनी ने सभी को बंधक बनाकर प्रताड़ित कर रही है. एसपी और डीएम को दिए गए आवेदन में नरेश कुमार, कंतु चौहान, नसीमुद्दीन दर्जी और नितिन कुमार ने बताया कि जिले के सात युवाओं को तमिलनाडु के इरोड जंक्शन के आसपास एक फैक्ट्री में काम कराने के लिए ले जाया गया था.
परिजनों ने डीएम और एसपी से लगाई गुहार
परिजनों का कहना है कि चंदौली जिला स्थित अमाव गांव के मुलायम यादव और नंदलाल कहार लड़कों को बेहतर काम दिलाने के लिए ले गए. बाद में पता चला है कि इन सात बच्चों को बंधक बनाकर रखा गया है. इसके अलावा बच्चों को खाना-पीना भी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही मारा-पीटा भी जा रहा है. ऐसे में पीड़ित परिजनों ने डीएम और एसपी को आवेदन देते हुए इन सात बच्चों को छुड़ाने की गुहार लगाई है.
जांच होने की बात कही
वहीं, इस बाबत जब एसपी दिलनवाज अहमद से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. मामला काफी गंभीर है. आरोप के आधार पर तमिलनाडु के प्रशासन से संपर्क किया जा रहा है.