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'बिहार और देश की पहचान सिर्फ एक ही व्यक्ति से होती है, क्या यही है डेमोक्रेसी?'.. सुधाकर सिंह का तीखा वार

बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मोहनिया में एक सेमिनार के दौरान भारतीय डेमोक्रेसी (Sudhakar Singh Attack ON Indian Democracy System) पर चर्चा करते हुए कहा एक साथ केंद्र सरकार और बिहार सरकार के मुखिया पर व्यंगों में हमला किया. पढ़ें पूरी खबर..

सुधाकर सिंह
सुधाकर सिंह

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Published : Dec 12, 2022, 11:01 PM IST

पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का बयान

कैमूर (भभुआ):कैमूर जिले के एमपी कॉलेज मोहनिया में आयोजित नेशनल सेमिनार में पहुंचे बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Former Agriculture Minister Sudhakar Singh) ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा बिहार में बस यही स्लोगन और नारा सुनाई देता है कि बिहार में बहार है और नीतीशे कुमार है उसी तरह देश में मोदी सरकार होता है.

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"कहीं यह नहीं कहा जाता कि 135 करोड़ देशवासियों की सरकार है या भारत की सरकार है. क्या यही डेमोक्रेसी रह गया है. मैं अगर कुछ राजनीतिक बातें कहूंगा तो विवादास्पद हो जाएगा. इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहता."-सुधाकर सिंह, पूर्व कृषि मंत्री

18 महीने में वार्ड कमिश्नर का चुनाव नहीं जीत सकता कोईःनेशनल सेमिनार में बोलते हुए सुधाकर सिंह ने कहा 18 महीने में एक व्यापारी से अमेरिका जैसे मेच्योर देश में राष्ट्रपति के पद पा लेते हैं. लेकिन दुनिया का अजूबा है कि हमारे यहां 18 महीने में वार्ड कमिश्नर का भी चुनाव कोई नहीं जीतता. हमारे इंडिया में किसी का बाल काले हैं तो कहा जाता है- चुनाव लड़ने के लिए अभी मेच्योर नहीं हुआ है. सबसे बड़ा आरोप राजनीति में लगाया जाता है कि अगर इसका सब बाल काले हैं तो यह अच्छा से चुनाव नहीं लड़ पाएगा.


भारत में डेमोक्रेसी सिर्फ नाम की रह गईःहमारे यहां धान और बीज का हाल तो देख ही रहे हैं आप. हमारे यहां संभव नहीं है कि पुलिस वाले किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ मार्च कर दे. अभी हम और देशों के अपेक्षा काफी पीछे हैं. डेमोक्रेसी सिर्फ नाम की रह गई है. बिहार में नारा दिया जाता है कि बिहार में बहार है और नीतीशे कुमार है. मतलब सिर्फ एक व्यक्ति से बिहार में पहचान बताया जाता है. उसी तरह हमारे देश के प्रधानमंत्री अगर कहीं भी जाते हैं तो चौक चौराहे पर नारा दिया जाता है- मोदी सरकार. भारत की सरकार या देश की सरकार नहीं कहा जाता.

135 करोड़ के प्रतिनिधित्व नहीं व्यक्ति की सरकारःमतलब एक व्यक्ति से पहचान देने का कोशिश किया जाता है. देश के 135 करोड़ के प्रतिनिधित्व करने वालों की सरकार नहीं कहा जाता. कहीं प्रधानमंत्री जाते हैं तो भारत का प्रधानमंत्री आया है. यह नहीं कहा जाता देश किस संकट के दौर से गुजर रहा है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता मैं राजनीति पर बहुत ज्यादा नहीं बोलूंगा नहीं तो विवादास्पद हो जाएगा.
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