कैमूरः एक तरफ कई देश चमगादड़ों से कोरोना की आशंका जता रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ कैमूर के मड़पा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में कोई महामारी आने वाली होती है, तो सभी चमगादड़ 10-15 दिन पूर्व गांव छोड़कर जंगल की तरफ उड़ जाते हैं. यहां के लोग चमगादड़ों को गांव के लिए शुभ मानते हैं.
शुभ संकेत! बरगद के पेड़ पर अब भी विराजमान हैं हजारों चमगादड़ - कैमूर पहाड़ी
ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव में कोई महामारी आने वाली होती है, तो सभी चमगादड़ 10-15 दिन पूर्व गांव छोड़कर जंगल की तरफ उड़ जाते हैं. गांव में यदि चमगादड़ न दिखे तो हम यह समझ लेते हैं कि गांव में कोई विपदा आनेवाली है.
मड़पा गांव कोरोना से कोसो दूर
बताया जाता है कि जिले के अधौरा प्रखंड के मड़पा गांव में एक बरगद के पेड़ पर हजारों की संख्या में चमगादड़ सैकड़ों वर्षों से रहते हैं. यहां के ग्रामीण बताते हैं कि गांव में यदि कोई महामारी होने वाली होती है, तो यह चमगादड़ गांव छोड़कर जंगल की तरफ भाग जाते हैं. यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है.
मड़पा गांव के लोग चमगादड़ों को मानते हैं शुभ
वहीं, एक और ग्रामीण ने बताया कि देश और दुनिया में कोरोना महामारी फैल रही है. लेकिन उनका गांव सुरक्षित है. हालांकि सरकार के आंकड़े भी बताते हैं कि कैमूर में 18 कोरोना पॉजिटिव केस है. लेकिन अधौरा प्रखंड में एक भी नहीं. मड़पा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सभी लोग स्वस्थ और सुरक्षित है और सरकारी नियमावली का पालन करते हैं.