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यहां पानी को तरस रहे हैं लोग, दूसरे गांव से लाने को मजबूर

अधौरा प्रखंड के बड़वान कला गांव में सिर्फ एक कुआं है. जो पूरे गांव की प्यास बुझाने का काम करता है. लेकिन गर्मियों की शुरुआत में जैसे-जैसे यह कुआं सूखने लगा है. लोग परेशान नजर आने लगे हैं.

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Published : Mar 29, 2019, 5:22 PM IST

कुएं से पानी भरते ग्रामिण

कैमूरः कैमूर पहाड़ी पर बसा अधौरा प्रखंड गर्मी में पानी की परेशानियों से जूझ रहा है. इस प्रखंड में 11 पंचायत हैं. इनमें से 10 पंचायत में पेयजल की कमी है. ऐसे में गर्मियों में लोग दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं.

अधौरा प्रखंड के बड़वान कला गांव में सिर्फ एक कुआं है. जो पूरे गांव की प्यास बुझाने का काम करता है. लेकिन गर्मियों की शुरुआत में जैसे-जैसे यह कुआं सूखने लगा है. लोग परेशान नजर आने लगे हैं. वहीं इस समस्या के समाधान के लिए लोग जिला प्रशासन की तरफ अपनी नजर टिकाए हुए हैं. लेकिन प्रशासन के रवैये से ऐसा लगता है की ग्रामीणों को इस साल भी पेयजल की समस्या से छुटकारा नहीं मिलेगा.

अधौरा प्रखंड कार्यलय

पिछले आठ दशक से लोग कुएं के भरोसे
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले आठ दशक से गांव की प्यास सिर्फ एक कुआं के सहारे बुझ रही है. इसके बावजूद प्रशासन ने कुछ भी नहीं किया. गांव के लोग रोजाना 1 किमी दूर पानी भरने के लिए कुएं के पास जाते हैं. उन्होंने बताया कि गर्मी में तो कुआं भी पूरी तरह से सूख जाता है. ऐसे स्थिति में ग्रामीणों को दूसरे गांव से पानी लाकर पीना पड़ता हैं. बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि पिछले 60 वर्षों से ऐसा ही चला आ रहा है. लेकिन अभी तक कोई समाधान नही निकल पाया है.

अधौरा प्रखंड में पानी की कमी

जलसंकट पर कार्यपालक का बयान
प्रखंड में जलसंकट पर पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता समी अख्तर ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. लेकिन ऑफ कैमरा विभाग की उपलब्धियां गिनाने लगे. उन्होंने बताया कि पानी की किल्लत को कम करने के लिए चापाकल लगवाए जा रहे हैं. साथ ही रिजर पाइप की व्यवस्था की जा रही है. जिससे पानी का लेयर कम होने पर भी लोगों को पानी मिल सके. उन्होंने यह भी बताया कि प्रखंड में मवेशियों के लिए भी कैटल टब का निर्माण किया जा रहा है.

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