कैमूर:दिल्ली-कोलकाता एनएच-2 पर परिचालन कभी भी बाधित हो सकता है. ओवरलोडिंग के बढ़ते केस को देखते हुए एनएचएआई ने रोहतास और कैमूर के जिलाधिकारी और एसपी को पत्र लिखकर ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई की मांग की है. यूपी-बिहार बॉर्डर स्तिथ कर्मनाशा नदी पर बने स्टील ब्रिज की क्षमता 55 टन है जबकि रोहतास जिलें के सोन नदी से बालू लेकर लगातार 60 -70 टन की ओवरलोडेड वाहन इस ब्रिज से गुजर रही है. जिसके बाद एनएचएआई ने पत्र के माध्यम से कहा है कि यदि ओवरलोडेड बालू गाड़ियों पर लगाम नही लगाई गई तो स्टील ब्रिज क्षतिग्रस्त हो सकती है और परिचालन कभी भी ठप हो सकता है.
बता दें की 28 दिसम्बर 2019 को कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद 25 करोड़ की लागत से डायवर्सन का निर्माण किया गया. लेकिन कर्मनाशा नदी में तेज बहाव के कारण डायवर्सन को तोड़ दिया गया है. पिछले 3 दिनों से परिचालन स्टील ब्रिज से शुरू किया गया है. जबकि मुख्य ब्रिज पर मरम्मती का कार्य चल रहा है. एनएचएआई के अनुसार स्टील ब्रिज की क्षमता 55 टन है. लेकिन इसका ध्यान नहीं रखा जा रहा है. क्षमता से ज्दाया लोड वाले वाहन पुल पर से गुजर रहे हैं.