कैमूर: कानून के रखवालों के सामने ही जब सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जाए तो क्या कहना, ऐसा ही कुछ जिले में हो रहा है. ओवरलोडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए बीते 31 जनवरी को टीम गठित की गई, जिसमें 3 शिफ्ट में 24 घंटे पदाधिकारी और पुलिस बल ओवरलोडिंग को रोकने के लिए तैनात किए गए हैं. बिहार सरकार के खनन और भूतत्व मंत्री बृजकिशोर बिन्द अपनी पीठ थपथपा रहें हैं कि उन्हें एनएच-2 पर अब ओवरलोड गाड़ियां ही नजर नहीं आ रहीं हैं.
आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह में 2200 से अधिक ओवरलोड गाड़ियां जिगजैग टीम के सामने से गुजर गई हैं. टीम के पदाधिकारी सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर ड्यूटी कर रहें हैं.
धड़ल्ले से गुजर रहे ओवरलोड ट्रक
एनएच 2 पर तैनात जिगजौग टीम के चकबंदी अधिकारी ने बताया कि बालू गाड़ियों की जांच की जाती हैं और ओवरलोड होने पर फाइन वसूल किया जाता है. उन्होंने बताया कि 3 शिफ्ट में जिलास्तर से 24 घंटे यहां अधिकारी तैनात हैं और ओवरलोडिंग पर लगाम लगा रहें हैं. पदाधिकारी का दावा हैं कि एक भी ओवरलोड गाड़ियां नहीं गुजर रहीं हैं. दूसरी तरफ मोहनिया टोल प्लाजा के डिप्टी टोल मैनेजर निशांत कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिदिन ओवरलोड गाड़ियां गुजर रहीं हैं. जिसकी सूचना डीएम, एसपी सहित जिलें के अन्य अधिकारियों को भेजी जाती है.
ओवरलोड ट्रकों का धड़ल्ले से होता है संचालन एक हफ्ते में 2200 से अधिक ओवरलोड बालू ट्रक गुजरे
टोल के आंकड़ों की माने तो 31 जनवरी यानी की जिस दिन जिगजैग टीम का गठन हुआ. उसी दिन 423 ओवरलोड बालू लदे ट्रक मोहनियां टोल प्लाजा से गुजरे. 1 फरवरी से 6 फरवरी के 12 बजे तक 475, 179, 447, 365, 438 और 367 गाड़ियां गुजर चुकी हैं. यानी 24 घंटे मजिस्ट्रेट की तैनाती के बाद भी पिछले 1 हफ्ते में 2200 से अधिक ओवरलोड बालू ट्रक गुजर चुके हैं.