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अटल और महामना जयंती पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन, याद किए गए भारत रत्न - मालवीय 19 वीं सदी के महानायक

कार्यक्रम के आयोजक रत्नेश तिवारी ने बताया कि मंच की कोशिश होती है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अपने देश रत्नों की जनकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि मालवीय 19वीं सदी के महानायक थे, तो दूसरी तरफ अटल जी 20वीं सदी के महानायक थे.

अटल-मालवीय की जयंती
अटल-मालवीय की जयंती

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Published : Dec 26, 2019, 6:38 AM IST

कैमूर:जिला मुख्यालय स्तिथ लिच्छवी भवन में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती मनाई गई. आवर्तन मंच की तरफ से जयंती समारोह पर विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. युवाओं की तरफ से लगातार 3 वर्षो से इस मंच के माध्यम से युवा वर्ग को देश प्रेम और इन दोनों देश रत्न के बारें में बताने के लिए हर वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

इस कार्यक्रम में आयोजित विचार गोष्ठी का विषय समाजशास्त्र में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय के योगदान पर आधारित था. यूपी-बिहार के अलग-अलग जिलों से आए वक्ताओं ने समाज में अटल और मालवीय जी के योगदान को बताया और देश प्रेम के विषय पर विचार विमर्श किया. इसके बाद कवि सम्मेलन के माध्यम से इन दोनों देश रत्नों की उपलब्धियां बताई गईं.

विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन

'युवाओं ने किया एक मंच गठित'
कार्यक्रम के आयोजक रत्नेश तिवारी ने बताया कि मंच की कोशिश होती है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा अपने देश रत्नों की जनकारी दी जाए. उन्होंने बताया कि मालवीय 19वीं सदी के महानायक थे, तो दूसरी तरफ अटल जी 20वीं सदी के महानायक थे. अटल जी को राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता है, तो मालवीय जी को महामना की उपाधि मिली है.

दोनों को वर्ष 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. जिसके बाद कैमूर के युवाओं की तरफ से एक मंच गठित किया गया. इस मंच से पिछले 3 सालों से दोनों की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित कर आने वाली पीढ़ी को दोनों का योगदान बताया जा रहा है. मंच का उद्देश्य है कि भारत के सभी महापुरुषों की जानकारी आने वाली पीढ़ी को उपलब्ध करा सके.

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