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कैमूर: चैनपुर के मदुरना में नल जल की आधे से ज्यादा योजना बंद

पीएचडी के माध्यम से भी अब भारी-भरकम राशि से जिन पंचायतों में नल जल योजना के तहत काम करवाया गया है वहां लीपा-पोती कर काम निपटाया जा रहा है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चैनपुर प्रखंड का ग्राम पंचायत मदुरना है. यहां पूरे पंचायत में पीएचईडी के माध्यम से 10 स्थल पर नल जल की योजना के काम करवाए गए, जिनमें से 80 प्रतिशत से ऊपर नल जल योजना के काम बंद पड़े हैं.

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Published : Mar 2, 2021, 6:58 PM IST

Nal jal yojana
नल जल योजना

कैमूर: जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र में सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल पहुंचाने के इस महत्वकांक्षी योजना को साकार करने के लिए प्रत्येक पंचायतों में पंचायत स्तर से और जहां फ्लोराइड युक्त जल है वहां पीएचईडी विभाग के माध्यम से इस योजना में काम किए जा रहे हैं.

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बात की जाए अगर राशि की तो पंचायत स्तर से नल-जल के जिस योजना को जिस राशि में पूर्ण करवाई जाती है. उस योजना को पीएचईडी के माध्यम से करवाने पर दोगुनी राशि सरकार द्वारा वहन किया जाता है. मगर पीएचडी के माध्यम से भी अब भारी-भरकम राशि से जिन पंचायतों में नल जल योजना के तहत काम करवाया गया है वहां लीपा-पोती कर काम निपटाया जा रहा है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चैनपुर प्रखंड का ग्राम पंचायत मदुरना है.

यहां पूरे पंचायत में पीएचईडी के माध्यम से 10 स्थल पर नल जल की योजना के काम करवाए गए, जिनमें से 80 प्रतिशत से ऊपर नल जल योजना के काम बंद पड़े हैं. जहां योजना संचालित भी है. वहां सभी घरों में पानी नहीं जाते. मेंटेनेंस के नाम पर कुछ नहीं है. जगह-जगह कई महीनों से पाइप टूटी हुई है. उसे कोई देखने वाला नहीं.

गलियों में बिछाए गए आधे-अधूरे पाइप
स्थानीय ग्रामीण पंचायत के मुखिया के पास शिकायत करते हैं. मुखिया द्वारा पीएचइडी के कनीय अभियंता के पास भेजा जाता है. कनीय अभियंता से ग्रामीणों की मुलाकात नहीं होती है. यह सिलसिला चलता रहता है. पीएचईडी के माध्यम से वार्ड संख्या 7 में संचालित नल जल योजना से संबंधित स्थानीय ग्रामीणों से जानकारी प्राप्त की तो उस वार्ड के निवासी रवि कुमार, अवधेश श्रीवास्तव, गुड्डू चौहान, भैरवनाथ गौड़, भगवान शर्मा आदि लोगों द्वारा बताया गया कि लगभग ढाई वर्ष पहले इस योजना में कार्य प्रारंभ हुआ था. लंबे समय के बाद इस योजना को प्रारंभ किया गया. गलियों में आधे अधूरे पाइप बिछाए गए और सिर्फ एक दिन इस योजना के तहत कुछ घरों में पानी की सप्लाई हुई, जिसके बाद इस योजना का संचालन बंद हो गया.

जगह-जगह पाइप टूटी हुई है. जिन्हें ना कोई मरम्मत करने वाला है ना कोई देखने वाला है कि उक्त योजना से लोगों को पानी मिल भी रहा है या नहीं. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि ऐसी स्थिति ग्राम पंचायत मदुरना में पीएचईडी के माध्यम से संचालित सभी योजनाओं का है. एक भी योजना पीएचडी के माध्यम से ग्राम पंचायत मदुरना में कार्यरत नहीं है. कहीं बोरिंग कराकर छोड़ दिया गया है तो कहीं दिखावे के लिए पानी की टंकीयां लगाई गईं हैं.

सिर्फ वार्ड नं. 6 के कुछ घरों को मिल रहा पानी
मदुरना के मुखिया प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि वार्ड संख्या 6, 7, 9, 10, 11 और वार्ड संख्या 12 व 13 में दो-दो योजना पीएचडी के माध्यम से पूर्ण कर दिया गया है. इन संचालित योजनाओं में मात्र वार्ड संख्या 6 में लगाए गए नल जल योजना से कुछ घरों में पानी मिल रहा है. बाकी सभी योजनाएं बंद हैं. कहीं किसी को पानी नहीं मिल रहा है. ग्राम पंचायत मदुरना के वार्ड संख्या आठ में पीएचडी के माध्यम से बोरिंग कराकर दो साल से छोड़ दिया गया है. वहीं, वार्ड संख्या पांच में ग्राम शाहपुर एवं कौडीयाचक में इस योजना की शुरुआत पीएचइडी के माध्यम से की गई है. बंद योजनाओं को चालू करने के लिए कई बार पीएचईडी के चैनपुर में कार्यरत कनिय अभियंता राजदेव राम से कहा तो हमेशा सिर्फ आश्वासन मिला.

इससे संबंधित जानकारी पूछने पर पीएचईडी के कनीय अभियंता राजदेव राम ने एक लाइन में कहा कि ग्राम पंचायत मदुरना में पीएचईडी के माध्यम से संचालित सभी योजनाएं चालू हैं, जबकि धरातल पर स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत मदुरना में सभी योजनाएं फेल हैं. इन योजनाओं को पीएचईडी के माध्यम से कागजों पर दौड़ाया जा रहा है.

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