कैमूरः बिहार के कैमूर में मुकेश सहनी ने रैली के माध्यम से केंद्र सरकार से आरक्षण की मांग की. जिले के चांद प्रखंड के लेदरी गांव में रैली में मुकेश सहनी का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. सभा को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि हमलोग उस दशरथ मांझी के बिहार से हैं जो पहाड़ में रास्ता बनाने के दौरान कहा था कि कि जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं.
'पैसा और पॉवर का ही बोलबाला':वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि आज देश में पैसा और पॉवर का ही बोलबाला है. उन्होंने कहा कि आज लोग चांद पर घर बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन आज निषादों के लिए जमीन पर घर नहीं है. आज सभी संघर्ष का संकल्प ले रहे है. यही संकल्प निषादों के उज्ज्वल भविष्य को तय करेगा. जो हमारी सुनेगा उन्हीं की हम सुनेंगे, जो हमारी नहीं सुनेगा, उसकी हम भी नहीं सुनेंगे.
'हमे सिर्फ आरक्षण चाहिए': मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद का बेटा वोट नहीं बेचेगा. अब एक-एक निषाद हाथ में गंगाजल लेकर आरक्षण के लिए संघर्ष करने का संकल्प ले रहा है. आरक्षण की लड़ाई कोई नई नहीं है. यह मेरा हक और अधिकार है. जब देश एक है, संविधान एक है, पीएम एक है तो फिर पश्चिम बंगाल और दिल्ली में निषादों को आरक्षण है और बिहार, झारखंड और यूपी में निषादों को आरक्षण क्यों नहीं होने है.
"हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से हैं कि निषाद समाज को एससी का दर्जा दिया जाए. इसके लिए केंद्र सरकार को सोचना होगा. हमारे पास वही नाव है, जिससे हमारे पूर्वज ने भगवान राम को पार लगाया गया था. जो हमारे नाव पर बैठेंगे, वे पार होंगे नहीं तो डूब जाएंगे. आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं, गठबंधन नहीं हो तो वोट नहीं और वोट नहीं तो दिल्ली का सरकार नहीं. बीच मजधार में हम छोड़ देंगे."- मुकेश सहनी, प्रमुख, विकासशील इंसान पार्टी