कैमूर:जिले के रामगढ़ प्रखंड स्तिथ देवहलिया के पास वैद्यनाथ गांव में ऐतिहासिक शिव मंदिर है. पुरातत्व विभाग के अनुसार शिव मंदिर 500 ईसा पूर्व की है. लोक किंवदंतियों के अनुसार सैकड़ों वर्ष पुराना शिव मंदिर काफी रहस्यमयी है. इस मंदिर की महिमा अपार है. मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. बता दें कि शिव मंदिर का जिक्र पुराणों में भी किया गया है.
कैमूर के इस शिव मंदिर का पुराणों में मिलता है जिक्र, छुपे हैं कई रहस्य
मंदिर की कलाकृतियां मध्य प्रदेश के खजुराहो से मिलती-जुलती हैं. वहीं, पुरातत्व विभाग के अनुसार मंदिर का निर्माण यूपी के चुनार के लाल पत्थरों हुआ है. साथ ही लोक किंवदंती है कि मंदिर के दक्षिण दिशा में एक सुरंग है जो यूपी के चुनार स्तिथ किला तक जाती है.
'ह्वेनसांग की पुस्तक में है मंदिर का जिक्र'
मंदिर की कलाकृतियां मध्य प्रदेश के खजुराहो से मिलती-जुलती हैं. वहीं, पुरातत्व विभाग के अनुसार मंदिर का निर्माण यूपी के चुनार के लाल पत्थरों हुआ है. साथ ही लोक किंवदंती है कि मंदिर के दक्षिण दिशा में एक सुरंग है जो यूपी के चुनार स्थित किले तक जाती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पाल वंश के राजा धर्मपाल ने कई मंदिरों का निर्माण कराया था, जिसमें यह मंदिर भी शामिल है. चीनी यात्री ह्वेनसांग नें अपनी यात्रा दर्शन में इस मंदिर का भी जिक्र किया है.
'अष्टकोणीय शिव मंदिर में भक्तों का उमड़ता है भारी हुजुम'
मंदिर के पुजारी मनोज कुमार मिश्र नें बताया मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान शिव ने किया है. यहां हर किसी की मुराद पूरी होती है. मंदिर बक्सर जिले के गंगा तट से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह अष्टकोणीय मंदिर है. शिवरात्रि और सावन के अवसर पर मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है. वैद्यनाथ धाम में देश-विदेश से लोग दर्शन करने के लिए आते है.