कैमूर(भभुआ): मोहनियां नगर पंचायत की वार्ड संख्या 9 में कन्या मध्य विद्यालय है. यहां कमरे के अभाव में बच्चियां बरामदे में पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि कमरे नहीं हैं. पांच कमरे हैं जिनमें एक से आठवीं तक की कक्षाएं चलती हैं. पांच कमरों में से एक में कार्यालय है. दो कमरे में एक से आठवीं तक की पढ़ाई (One to eight studies in two rooms) होती है. बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण बरामदे में पढ़ाई होती है,जबकि दो कमरे जर्जर होने के कारण उनमें कक्षाएं नहीं लगतीं. बच्चियां दरी पर बैठकर बरामदे में पढ़ाई करती हैं .जब बारिश होने लगती है तो दो कमरे में ही एक से आठवीं तक की क्लास चलती है. अब बच्चे क्या पढ़ाई करते होंगे और क्या शिक्षक पढ़ाते होंगे, ये समझ से परे है. स्कूल के पास मोहल्ले के कचड़ा फेंका जाता है. बारिश हो गई तो स्कूल पहुंचने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
क्या बोलती है स्कूल की बच्चियां :सपना कुमारी और सुधांशी तिवारी बताती हैं कि दो कमरा जर्जर होने के कारण हमलोग स्कूल के बरामदे में पढ़ते हैं. बारिश होती है तो कमरे में जाना पड़ता है. स्कूल में बाथरूम भी नहीं है. स्कूल के चारो ओर कचरे का अंबार लगा हुआ है. पढ़ाई करने में काफी समस्या होती है.
ये भी पढ़ें :-कैमूर: स्कूल परिसर बना धान का खलिहान, पठन-पाठन में बच्चों को हो रही परेशानी