कैमूर(भभुआ): पिछले एक महीने से कैमूर जिले में बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी, लेकिन गत 2 दिनों से अच्छी बारिश होने से किसान तो खुश हैं लेकिन कैमूर में लगातार हो रही बारिश ने शहर के लोगों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ा दी है. शहर में अस्पताल से लेकर मुख्य चौराहों तक जलजमाव की स्थिति है.
नाली के गंदा पानी से होकर गुजर रहे हैं लोग :ऐसा नजारा दिखाई दे रहा है जैसे गाड़ियां तैरते हुए (floating in the water)जा रही हैं. नगर के लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोग नाली के गंदा पानी से होकर गुजर रहे हैं, वही इस बरसात ने नगर परिषद (municipal council) की भी पोल खोल दी है, क्योंकि हर बार नगर परिषद दावा करती है कि करोड़ रुपए खर्च कर शहर के नालों को साफ कराया जाता है.
इस समय बंद पड़े हैं सारे बड़े नाले :कहीं ना कहीं नगर परिषद की बड़ी लापरवाही है जिसके कारण शहर के तकरीबन सारे बड़े नाले इस वक्त बंद पड़े हैं. इस वजह से पूरा शहर पानी पर तैर रहा है. भभुआ मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में भी बारिश के बाद जल जमाव हो जाता है, जिसके कारण मरीज हों या मरीजों के परिजन हों सभी को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है.
कैमूर: बारिश ने खोली नगर परिषद की पोल, पानी में तैरता दिख रहा शहर - नालों की सफाई
कैमूर में दो दिनों की बारिश ने ही नगर परिषद (municipal council) के दावों की पोल खोलकर रख दी है. नालों की सफाई नहीं होने से पूरा शहर पानी में तैरता दिख रहा (floating in the water) है.
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धीरे-धीरे फिर पैर पसारने लगा है कोरोना :कोरोना भी धीरे-धीरे जिले में पैर पसारने लगा है, अब तक कोरोना के 38 एक्टिव केस मिल चुके हैं, अगर जिला प्रशासन अब भी इसपर ध्यान नहीं देता है तो आगे कहीं बड़ी बीमारी को निमंत्रण दे सकता है, इस जल जमाव की समस्या पर स्थानीय निवासी भोला सिंह यादव ने बताया कि ये बारिश एक तरफ से नगर परिषद का पोल खोल रहा है, जिसका दावा है कि हर साल योजना के तहत नाले की सफाई कराई जाती है.
अस्पताल परिसर में भी हो जाता है जल जमाव : जब भी बारिश होती है तो लगता है कि पूरा शहर पानी के ऊपर तैर रहा है या फिर शहर की सड़कें नदी बन गईं हों. यही स्थिति सदर अस्पताल का भी है, क्योंकि बारिश होते ही अस्पताल परिसर में भी जल जमाव हो जाता है. जिसके कारण मरीजों को इलाज कराने के लिए आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.