कैमूर (भभुआ): कैमूर पहाड़ी के 250 गांव में 2017 में पहली बार सोलर सिस्टम से बिजली पहुंचायी गयी. कैमूर और रोहतास जिले क्षेत्र के पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सोलर सिस्टम से बिजली सप्लाई की गयी. शुरुआत में दो से तीन साल ठीक चला. अब कैमूर पहाड़ी पर सभी गांवों का सोलर सिस्टम फेल हो गया है. कभी कभार एक से दो घण्टे बिजली मिलती है, वो भी सभी गांव में नहीं.
कुछ समय के लिए आती है बिजलीः कैमूर पहाड़ी के अधौरा प्रखंड के ताला, झड़ापा, सीकरी में एक से दो घण्टे बिजली सप्लाई होती है, तो वही कोल्हुआ गांव में बिजली सप्लाई बंद है. ग्रमीणों में खासी नाराजगी है. अधौरा के ताला गांव के ग्रामीण सुबचनी देवी, राम सूरत राम बताते हैं कि मेरे गांव में आज से पांच से छह वर्ष पहले सोलर सिस्टम लगा था. बड़ी खुशी हुई थी कि अब बिजली के रोशनी में रहेंगे. बच्चे भी पढ़ाई करेंगे. पर तीन साल तक यह सोलर सिस्टम नहीं चला.
अंधेरे में रहने को मजबूर हैं लोगः सीकरी गांव के रूस्तम मियां, नजबूम बेगम और झड़ापा के दिनेश्वर पासवान, अरबिंद सिंह यादव का कहना था कि सोलर सिस्टम गांव में फेल है. इलेक्ट्रिक बिजली की व्यवस्था बिहार सरकार करे, नहीं तो सोलर सिस्टम उखाड़ कर ले जाए. ग्रामीणों का कहना था कि आज अंधेरे में जीने को मजबूर हैं. महुआ की कोइनी तेल से दीया जलाते हैं क्योंकि सरकार अब केरोसिन तेल देना बंद कर दी है.
"बिहार सरकार बोलती है कि हर गांव में बिजली दिया गया है, तो कैमूर पहाड़ी के 250 गांव के वनवासी आज भी अंधेरे में क्यों हैं. जब झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड में बिजली सप्लाई हो सकती है तो यहां क्यों नहीं. जब केदारनाथ, बद्रीनाथ में बिजली सप्लाई हो सकती है तो गुप्ताधाम में क्यों नहीं." - ललन पासवान, पूर्व विधायक, चेनारी