कैमूर (भभुआ):बिहार का कैमूरउतर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने वाला मध्य बिहार का एक महत्वपूर्ण जिला है. 17 मार्च 1991 को कैमूर जिला बना (Kaimur District Formed on 17 March 1991) था. रोहतास जिले से अलग होकर कैमूर एक स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आया था. 19 अगस्त 1991 से यह विधिवत स्वतंत्र जिले के रूप में कार्यरत हो गया. गुरुवार को यह जिला पूरे 32 वर्ष का हो गया है. इस अवसर पर 17 मार्च को कैमूर का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. खेल, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया.
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17 मार्च को कैमूर का स्थापना दिवस:गुरुवार को जिले का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर भभुआ स्थित लिच्छवी भवन में जिला प्रशसन की ओर से शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का उद्धाटन जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उसके बाद नन्ही गायिका तनु यादव के स्वागत गान के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कोकिला कैमूर के नाम से प्रसिद्ध लोक गायिका अनुराधा रस्तोगी ने अपनी गायकी के अंदाज में कैमूर की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर के बारे में लोगों को बताया.
कैमूर स्थापना दिवस पर रंगारंग कार्यक्रम:पूरे कार्यक्रम का संचालन कर रहे अपर समाहर्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने अपने संबोधन में कैमूर के ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का दिन यानी 17 मार्च काफी महतवर्ण है. हिन्दू तिथि के अनुसार शुक्रवार से नए साल की शुरुआत हो जाएगी, साथ ही मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. होली के साथ शब-ए बारात का पर्व भी मनाया जाएगा.
होली, शब-ए बारात शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील:उन्होंने इस अवसर पर जिलेवासियों से होली और शब-ए-बारात शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की. अपर समाहर्ता ने कहा कि 1991 में जिला रोहतास से अलग होकर गठित हुआ. जनसाधारण की अपेक्षा पर यह जिला खड़ा उतर रहा है.'जरा आप आंकलन कीजिए, आज से 32-35 वर्ष पहले किस स्थिति में थे और आज किस स्थिति में है. उस समय सुविधाओं का घोर अभाव था. आज यह सुविधा आपको आसानी से मिल रही है. हम सभी भाग्यशाली हैं. विधा के मामले हो या कला का मामला, किसी भी क्षेत्र का मामला हो, अब हर चीज इंटरनेट के माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो जा रही है. जो लोग एक-दूसरे से पूछते थे. वे आज इंटरनेट के माध्यम से सीख रहे हैं.'- नवदीप शुक्ला, डीएम