कैमूर: बिहार में वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व के बाद कैमूर को दूसरा टाइगर रिजर्व बनाने की कवायद चल रही है. इसका प्रपोसल बनाकर सरकार को सौंप दिया गया है. इस बात की जानकारी जिले के प्रभारी डीएम सह डीडीसी कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने दी. उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही कैमूर दूसरा टाइगर रिजर्व बन सकता है.
क्या कहते हैं प्रभारी डीएम ?
डीडीसी कृष्णा प्रसाद ने कहा कि यहां के अधौरा प्रखंड के पहाड़ियों पर घना जंगल है. इसका क्षेत्रफल भी काफी अधिक है. जिला प्रशासन के स्तर से वन विभाग ने टाइगर रिजर्व का प्रपोजल सरकार को दे दी है. यदि सरकार आदेश करती है तो बहुत जल्द ही इसपर काम शुरू किया जाएगा. इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और बिहार की एक अलग पहचान बनेगी.
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प्रभारी डीएम बताते हैं कि यहां जंगलों में कई जानवर देखें गए हैं. इस क्षेत्र में क्रोकोडाइल रिजर्व भी है. यहां इको टूरिज्म के स्तर से विकास होना चाहिए. अगर टाइगर रिजर्व बनता है इससे सरकार के राजकोषीय में बढ़ोतरी होगी.
प्रभारी डीएम सह डीडीसी कृषणा प्रसाद गुप्ता इन तीन राज्यों से घिरा है कैमूर
बता दें की वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का एरिया लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में हैं और यहां करीब 31 बाघ हैं. दूसरी तरफ अगर आंकड़ों की माने तो कैमूर जिला झारखण्ड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश तीन राज्यों से घिरा हुआ है. यहां लगभग 1800 वर्ग किमी जंगली क्षेत्र हैं. कैमूर की जंगलों में भी बाघ देखे गए हैं और विभिन्न जगहों पर उनके निशान में मिले हैं. ऐसे में अगर सरकार और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथोरिटी यदि इस प्रोपोजल पर मुहर लगती है, तो दिन वह दूर नहीं कि बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व कैमूर में होगा.