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कैमूर: पत्रकारों के सवाल पर भड़के आरसीपी सिंह, कहा- ये तो फालतू प्रश्न है

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Published : Aug 2, 2019, 11:44 PM IST

राष्ट्रीय महासचिव ने बाढ़ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा की उत्तर बिहार में जो बाढ़ आती है. नेपाल की नदियों के कारण आती है. यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है. जबतक नेपाल की नदियों पर हाईडैम निर्माण नहीं कराया जाएगा. तब तक इसका समाधान नहीं हो पाएगा.

जदयू महासचिव आरसीपी सिंह

कैमूर:शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने भभुआ के जदयू कार्यालय पहुंचे राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह तीन तलाक पर उनकी पार्टी द्वारा वाकआउट करने के सवाल पर भड़क उठे. उन्होने इस सवाल को फालतू का सवाल बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया. वहीं, विपक्ष पर बरसते हुए कहा कि यहां पर उनकी दुकान बंद हो चुकी है.

उन्होंने बाढ़ को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बताते हुए कहा की उत्तर बिहार में जो बाढ़ आती है. नेपाल की नदियों के कारण आती है. यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है. जब तक नेपाल की नदियों पर हाईडैम निर्माण नहीं कराया जाएगा. तब तक इसका समाधान नहीं हो पाएगा.

जदयू महासचिव आरसीपी सिंह

जदयू ने किया था वॉकआउट
बता दें कि राज्यसभा में मंगलवार को तीन तलाक बिल पेश किए जाने के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू ने सदन में इसका विरोध किया था. जदयू की ओर से वशिष्ठ नारायण सिंह ने सदन में बिल का बहिष्कार किया था. वह अपनी बात कहकर सदन से बाहर चले गए थे. वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि विचार की यात्रा कभी खत्म नहीं होती है. जो सपना गांधी-जयप्रकाश और लोहिया ने देखा था, उसे समाज आज पूरा करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने सदन में तीन तलाक बिल पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि तीन तलाक, बाल विवाह जैसी चीजें समाज में अपनी जड़े जमा चुकी हैं, लेकिन इन्हें दूर करने में समय लगता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि वे लोग तीन तलाक बिल के मौजूदा कानून का विरोध करते हैं. इसलिए वे सदस्य सदन से वॉकआउट कर रहे हैं. इसके बाद राज्यसभा में मौजूद जेडीयू के सदस्य सदन से वॉकऑउट कर गए.

आरजेडी ने साधा था निशाना
जदयू के वॉकआउट पर आरजेडी ने निशाना साधते हुए कहा था कि आरजेडी ने बिल के खिलाफ वोट किया है. जेडीयू हमेशा पीठ में छूरा घोंपने का काम करती है. 2015 के चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने यही किया था. इस बार भी सदन से वॉकआउट करके उन्होंने एक तरह से बीजेपी का समर्थन देने का काम किया है. इससे नीतीश कुमार क्या साबित करना चाह रहे हैं. वह बिहार के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. यह सीधा दहेज प्रथा के मामलों जैसा होगा. इस तरह से कोई भी महिला कानून का गलत फायदा उठाएगी.

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