कैमूर: बिहार सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने क घोषणा की है. इसके लिए स्किल मैपिंग और श्रम पोर्टल से मजदूरों को जोड़ने का काम किया जा रहा है. इसे लेकर जन अधिकार पार्टी ने सरकार पर प्रवासियों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही इसे चुनावी एजेंडा कहा है.
रोजगार के नाम पर चुनावी एजेंडा
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामचंद्र यादव ने कि सीएम नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के स्कूल के छात्र हैं. पीएम ने 2 करोड़ रोजगार प्रति वर्ष देने का वादा किया था और 8 करोड़ को बेरोजगार कर गए. ठीक इसी तरफ चुनाव में प्रवासियों को मुद्दा बनाकर सीएम नीतीश भी वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और रोजगार के नाम पर चुनावी एजेंडा तैयार कर रहे हैं. सीएम पर वार करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने पिछले 15 सालों में एक सुई धागे तक की फैक्ट्री बिहार में नहीं लगाई है.
सीएम नीतीश को दिया चैलेंज
रामचंद्र यादव ने सीएम नीतीश को चैलेंज देते हुए कहा कि अगस्त महीने के आखिरी में आचार संहिता लागू हो जाएगी. सीएम के पास सभी प्रवासियों का पूरा डेटा है. उन्हें अगर लोगों को रोजगार देना है तो 2 सप्ताह के भीतर प्रक्रिया पूरी कर डेडलाइन घोषित करे दें कि आचार संहिता से पहले श्रमिकों को रोजगार दे दिया जाएगा.
जनता को किया गुमराह
जाप महासचिव ने एनडीए पर हमला करते हुए कहा कि इस सरकार में नागनाथ के रूप में पीएम मोदी, सांपनाथ के तौर पर सीएम नीतीश और राम विलास पासवान गिरगिट नाथ जैसे हैं. इन लोगों ने जनता को गुमराह करने के अलावा कोई काम नहीं किया है.
जनता के साथ हो चुका है गठबंधन
पार्टी के गठबंधन के सवाल पर श्री यादव ने बताया की जाप का गठबंधन प्रवासी मजदूरों, बेरोजगार युवा, दलित शोषित जनता से हो चुका है. बिहार में आरजेडी और बीजेपी जैसी पार्टियां अकेले अपने दम पर चुनाव नहीं लड़ सकती है. इसलिए पार्टी ने सभी धर्मनिरपेक्ष नेताओं से एकजुट होकर जनता के हक में चुनाव लड़ने की अपील की है.