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नगर परिषद भभुआ में करोड़ों के गबन मामले में जांच शुरू, JE पर है करोड़ों रुपये गबन करने का आरोप

भभुआ नगर परिषद में संविदा पर बहाल जुनियर इंजीनियर राहुल सिंह डेढ़ साल में ही 22 करोड़ के मालिक बन गये हैं. वहीं राहुल सिंह के 2 खातों में 22 करोड़ के सरकारी राशी का लेन-देन किया गया और अभी भी कई खाते मिलने के आसार हैं.

Kaimur
नगर परिषद भभुआ में करोड़ों के गबन मामले में जांच शुरू

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Published : Sep 5, 2020, 8:51 PM IST

कैमूर(भभुआ): जिले की भभुआ नगर परिषद आज भी खस्ता हाल में है. वर्षों बीत गए पर नगर परिषद का आज तक विकास नहीं हो सका है, जिसके कारण नगर परिषद क्षेत्र में आज भी जलजमाव, गंदगी और कूड़ाकचडा समेत काफी समस्या जस की तस है. लेकिन नगर परिषद के अधिकारी कुछ महीनों में ही करोड़पति बन जा रहे हैं.

इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नगर परिषद के एक कनीय अभियंता करीब डेढ़ साल में ही 22 करोड़ का लेनदेन कर लेता है और यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और ठेकेदारों के बीच कई बार इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.

भभुआ नगर परिषद में पहुंची जांच टीम

बता दें कि नगर परिषद के ठेके पर बहाल कनीय अभियंता और पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी पर 22 करोड़ राशि के लेनदेन और भ्रष्टाचार का आरोप नगर परिषद के पूर्व सभापति बजरंग बहादुर ने लगाये थे. इसी को लेकर जांच टीम भभुआ नगर परिषद में पहुंची. जहां टीम ने कर जांच शुरू कर दी है. वहीं इस दौरान जांच टीम ने कई तरह की फाइलों को भी खंगाला है.

22 करोड़ की सरकारी राशी की हेरा-फेरी का मामला

वहीं, मीडिया कर्मी के सवाल पर टीमों में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि अभी जांच शुरू की गई है और इसमें अभी लंबा समय लग सकता है. बता दें कि भभुआ नगर परिषद में संविदा पर बहाल जूनियर इंजीनियर राहुल सिंह डेढ़ साल में ही 22 करोड़ के मालिक बन गये है. वहीं, राहुल सिंह के 2 खातों में 22 करोड़ के सरकारी राशी का लेन-देन किया गया और अभी भी कई खाते मिलने के आसार हैं.

नगर परिषद के पूर्व सभापती ने लगाये आरोप

गौरतलब हो कि भभुआ नगर परिषद के पूर्व सभापती बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और जेई पर करोड़ों की सरकारी राशी में हेरा-फेरी का आरोप लगाया था, जिसमें उन्होंने सैकड़ों योजनाओं में बिना कार्य किये ही राशी निकालने के भी साक्ष्य दिये थे, साथ ही इसकी शिकायत कैमूर डीएम, सीएम, नगर विकास पटना प्रधान सचिव, मंत्री, ईडी और निगरानी विभाग को पत्र भेजा कर भी थी.

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