कैमूरःजिले में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर जिला प्रशासन की ओर से पोषण पखवाड़ा का शुभारंभ किया गया. इस पखवाड़े के अंतर्गत 23 मार्च तक जिले और प्रखंड स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएगें. डीएम ने बताया कि इसका उद्देश्य सिर्फ यही है कि जिले की तमाम बच्चियों के पोषण में सुधार किया जा सकें, ताकि कल को भविष्य में अगर कोई बेटी मां बनती है तो उसे परेशानी न हो.
पोषण पखवाड़ा का शुभारंभ
डीएम ने बताया कि अगर किसी महिला को कभी भी कोई परेशानी हो तो वन स्टॉप सेन्टर आ सकती है. यह सेन्टर महिलाओं की तत्काल मदद करेगा. इस सेन्टर पर डॉक्टर, काउंसलर सहित सभी सुविधाएं मौजूद है. यहां तक कि यदि कोई महिला घरेलू उत्पीड़न की भी शिकार होती है, तो उसकी भी फौरन मदद की जाएगी. डीएम ने बताया कि इस सेन्टर के माध्यम से जिला प्रशासन ने अब तक जिले की 20 महिलाओं को मुआवजा उपलब्ध करायी है.
शपथ लेते बच्चे और बच्चियां कैमूर में शेरनी ग्रुप कर रहीं महिलाओं की रक्षा
कैमूर में एसपी ने एक नई पहल की. उन्होंने महिलाओं और खासकर स्कूली बच्चियों की रक्षा के लिए महिला सिपाहियों का एक ग्रुप बना दिया है. इस ग्रुप की महिला सिपाहियों को शेरनी के नाम से जाना जाता है. महिला पुलिस की ये टीम सादे लिबास में स्कूल और कॉलेज के पास रहती है और मनचलों को जेल की हवा खिलाती है. एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया कि जिले को 5 जोन में बांटकर इस ग्रुप का संचालन किया जाता है. सभी जोन के कॉलेज और स्कूली बच्चियों को शेरनी ग्रुप के व्हाट्सएप से जोड़ा गया है. यदि किसी भी बच्ची से कोई छेड़छाड़ करता है, तो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पुलिस को तुरंत जानकारी मिलती है और पुलिस तत्काल कार्रवाई करती है.
शराबबंदी का समाज में बढ़ियां प्रभाव
वहीं, बिहार संस्कृत बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता ने बताया कि बिहार सरकार नें महिलाओं के लिए कई ठोस कदम उठाए है. शराबबंदी के पहले राज्य के बड़े पद पर रहने के बाद भी 5 बजे तक घर वापस आने की मजबूरी थी. लेकिन शराबबंदी के बाद आज शाम 6 बजे भी बच्चियां साइकिल से घर आती है. उन्होंने बताया कि कही न कही शराबबंदी का समाज में अच्छा प्रभाव पड़ा है. आज महिलाएं पहले की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित महसूस करती है.
23 मार्च तक जिले में विभिन्न कार्यक्रम होंगे आयोजित
आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि कुमारी ने बताया कि महिला दिवस के मौके पर 23 मार्च तक जिला प्रशासन की ओर से कई कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किये जायेंगे. गोदभराई सहित विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को न सिर्फ जागरूक किया जाएगा. बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाया जाएगा.