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कैमूरः फाल्गुन महीने शुरू होते ही गावों में शुरू हो जाता है लोक गीतों का सिलसिला

बिहार की संस्कृति में होली पर्व का बड़ा महत्व है. यही कारण है कि फाल्गुन माह शुरू होते ही गांव-गांव होली के गीत गाने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है.

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Published : Mar 24, 2021, 3:59 PM IST

कैमूर(भभुआ):फाल्गुन का महीना शुरू होते ही बिहार में होली का गीत शुरू हो जाता है. कैमूर के गांव-गांव में होली गीत गाया जाते हैं. बिहार की संस्कृति में होली का महत्व काफी बड़ा है. जिसके कारण फाल्गुन माह शुरू होते ही होली के गीत गाने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है.

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लोक कलाकार ईश्वर चंद्र अनुज ने कहा 'होली के एक माह पहले से ही लोग गीत गांव-गांव मे शुरू हो जाते हैं. होली पर सिर्फ पारंपारिक गीत होनी चाहिए ना कि अश्लील. होली एक मिलन का समारोह होता है. इसलिए कहा भी जाता है कि होली के मौके पर दुश्मन को भी गले लगा कर पूराने गिले शिकवे भुला दिया जाता है.'

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फेमस होने के लिए गाए जा रहे अश्लील गीत
उन्होंने कहा कि होली गीत को अश्लीलता से ना गाकर अच्छे गीत भी गाये जा सकता है. जिसको लोग अपने घर परिवार के साथ बैठकर भी सुन सकते हैं और होली का आनंद उठा सकते हैं. लेकिन आज कल के गायक फेमस होने के लिए सिर्फ अश्लील गाने ही गा रहे हैं.

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